बिहार को मोदी की बड़ी सौगात: मोतिहारी से ऑपरेशन सिंदूर की याद दिलाई, बोले – माओवाद अंतिम सांसें गिन रहा है

7217 करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास, युवाओं को रोजगार और विपक्ष को करारा जवाब; बोले – “जंगलराज में मकानों पर रंग करने से भी डरते थे लोग”
रिपोर्ट- अमित
मोतिहारी, पूर्वी चंपारण : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के मोतिहारी से 7217 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कर राज्य को विकास की बड़ी सौगात दी। इस अवसर पर आयोजित भव्य जनसभा में प्रधानमंत्री ने न सिर्फ माओवाद, रोजगार और विकास पर सरकार के कामकाज को रेखांकित किया, बल्कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने चंपारण की धरती से “ऑपरेशन सिंदूर” की याद दिलाई और भारत की ताकत को दुनिया के सामने उजागर किया।

“यह नया भारत है, जो दुश्मनों को सजा देना जानता है”
पीएम मोदी ने कहा, “साथियों, यह नया भारत है। भारत दुश्मनों को सजा देने के लिए जमीन-आसमान एक कर देता है। बिहार की धरती से मैंने ऑपरेशन सिंदूर की घोषणा की थी। आज भारत की ताकत पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है।”
माओवाद पर निर्णायक प्रहार
उन्होंने माओवादी क्षेत्रों में हो रहे बदलावों की चर्चा करते हुए कहा कि औरंगाबाद, जमुई, गया और चंपारण जैसे जिलों को वर्षों तक माओवाद ने पीछे धकेला, लेकिन आज वहां के नौजवान बड़े सपने देख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “जिन इलाकों पर कभी माओवाद का काला साया था, वहां अब उजाले लौट रहे हैं। हम भारत को माओवाद से पूरी तरह मुक्त करके रहेंगे।”

रोजगार और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित योजनाएं
पीएम मोदी ने रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष को घेरते हुए कहा, “हमारे संकल्प का आधार है – समृद्ध बिहार, हर युवा को रोजगार! बीते वर्षों में हमने बिहार में युवाओं को यहीं पर अवसर देने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं।” उन्होंने बताया कि न सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर, बल्कि स्किल डेवलपमेंट से लेकर कृषि आधारित उद्योगों तक कई स्तरों पर योजनाएं चल रही हैं, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है किसानों की आय को दोगुना करना और बिहार को अंतरराष्ट्रीय कृषि मार्केट से जोड़ना।
विपक्ष पर तीखा हमला: जंगलराज की दी याद
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में INDIA गठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि राजद-कांग्रेस के शासन में गरीब को पक्का घर मिलना असंभव था। उन्होंने कहा, “जंगलराज के दौर में लोग अपने घरों को रंगवाने से भी डरते थे। सोचते थे कि कहीं रंग-रोगन करवा दिया तो रातों-रात मकान मालिक को ही उठा न लिया जाए।”

उन्होंने आंकड़ों के साथ कहा कि पिछले 11 वर्षों में पीएम आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए, जिनमें से करीब 60 लाख सिर्फ बिहार में बने हैं। “मोतिहारी जिले में ही करीब 3 लाख पक्के घर गरीबों को दिए गए हैं,” उन्होंने कहा।


“हम न नारों तक अटकते हैं, न वादों में सिमटते हैं”
प्रधानमंत्री ने कहा, “हम जो कहते हैं, उसे करके दिखाते हैं। हम सिर्फ वादों या नारों की राजनीति नहीं करते। यह NDA की राजनीति का DNA है – विकास, विश्वास और विजन।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा और NDA की सरकारें गरीब, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग के लिए अतिरिक्त मेहनत करती हैं।
बिहार के समग्र विकास की रूपरेखा
प्रधानमंत्री ने 7217 करोड़ की जिन परियोजनाओं की सौगात दी, उनमें रोड, रेलवे, कृषि से जुड़े प्रोजेक्ट, मेडिकल कॉलेज और स्किल ट्रेनिंग सेंटर्स शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से बिहार को आत्मनिर्भरता, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाई मिलेगी।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू, मुख्यमंत्री नितीश कुमार , राज्यसभा सांसद संजय जायसवाल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत कई नेता और हजारों की संख्या में जनता मौजूद रही।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल योजनाओं का उद्घाटन भर नहीं थी, यह एक राजनीतिक संदेश भी था। जहां एक ओर उन्होंने विकास की नई लकीर खींची, वहीं दूसरी ओर विपक्ष को यह स्पष्ट कर दिया कि जंगलराज की राजनीति अब बिहार की जनता नहीं स्वीकारेगी। आने वाले चुनावी माहौल में यह दौरा भाजपा-एनडीए के लिए नया संकल्प और ऊर्जा लेकर आया है।