बिना डाटा नहीं बन सकती नीति: झारखंड में राष्ट्रीय सांख्यिकी संगोष्ठी में बोले NHM निदेशक शशि प्रकाश झा

रांची, मुनादी लाइव न्यूज डेस्क,12 जुलाई 2025 : बिना आंकड़ों के कोई भी नीति बनाना संभव नहीं – यह बात राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM), झारखंड के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने नामकुम स्थित आरसीएच सभागार में आयोजित राष्ट्रीय सांख्यिकी संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही। यह संगोष्ठी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड और झारखंड सांख्यिकी सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और अभियान निदेशक के स्वागत से हुई, जहाँ डॉ. रंजीत प्रसाद, नोडल पदाधिकारी (डाटा), ने उन्हें अंगवस्त्र और पौधा भेंट कर अभिनंदन किया।

डाटा ही भविष्य का मार्गदर्शक: शशि प्रकाश झा
अपने संबोधन में श्री झा ने कहा कि वर्तमान दौर में “डाटा ही नीति है, और नीति ही सेवा का आधार।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि लोग अक्सर सांख्यिकी को केवल गणित का एक अंग मानते हैं, जबकि गणित, सांख्यिकी की एक शाखा भर है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक माह कम से कम एक बार सांख्यिकी पर आधारित सेमिनार का आयोजन अवश्य हो ताकि डेटा-साक्षरता और विश्लेषण क्षमता में सुधार हो सके।
उन्होंने जिला डाटा प्रबंधकों से अपील की कि वे आंकड़ों की शुद्धता पर विशेष ध्यान दें और किसी भी स्थिति में गलत डाटा न दें, क्योंकि पूरा विश्व आज आंकड़ों पर निर्भर है, और इसका प्रभाव सीधा नीति निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर पड़ता है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस की पृष्ठभूमि
कार्यक्रम का आयोजन पद्मविभूषण प्रो. प्रशांत चंद्र महालनोबिस की स्मृति में किया गया, जिन्हें भारत में आधुनिक सांख्यिकी का जनक माना जाता है। कार्यक्रम में झारखंड सांख्यिकी सोसाइटी के सचिव प्रो. डॉ. एस.बी. सिंह ने बताया कि प्रो. महालनोबिस ने न केवल इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट की स्थापना की, बल्कि राष्ट्रीय सैंपल सर्वे जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की नींव रखी। उनके द्वारा विकसित “महालनोबिस दूरी” आज भी वैश्विक आंकड़ा विश्लेषण में एक मानक है।

राष्ट्रीय सैंपल सर्वे के 75 वर्ष’ पर आधारित संगोष्ठी
झारखंड सांख्यिकी सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. सौभिक चक्रवर्ती ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस वर्ष हम राष्ट्रीय सैंपल सर्वे की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, और यह संगोष्ठी इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि “आज का युग डेटा और विश्लेषण का है, और अगर हम इसके साथ नहीं चले, तो नीति निर्माण से कट जाएंगे।”


अतिथि वक्ताओं की उपस्थिति
इस मौके पर डॉ. लाल माझी (नोडल पदाधिकारी, IEC), अनिमा किस्कू (राज्य कार्यक्रम प्रबंधक), सुबोध कुमार (राज्य डाटा प्रबंधक), सभी जिला डाटा प्रबंधक, साथ ही एम्स देवघर से डॉ. राजेश कुमार, डॉ. उषा शुक्ला, और रंधीर कुमार मौजूद रहे।

डॉ. रंजीत प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि इस तरह के सेमिनार नीति-निर्माताओं और डाटा हैंडलरों के बीच एक सेतु का कार्य करते हैं, जो अंततः स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सशक्त बनाता है।