पलामू में रिश्तों का खूनी खेल: नाबालिग पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर रचा कत्ल का जाल

22 दिन की शादी के बाद पति बना बलि का बकरा, प्रेम संबंधों में बाधा बनने पर पत्थर से कुचल डाला गया सरफराज
पलामू , झारखंड : पलामू से एक ऐसा जघन्य अपराध सामने आया है, जिसने न सिर्फ रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया, बल्कि समाज को भी हिला कर रख दिया है। एक 16 वर्षीय नाबालिग पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने 22 वर्षीय पति सरफराज खान की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी। इस निर्मम हत्याकांड ने कानून व्यवस्था, पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक जिम्मेदारी पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

घटना की पुष्टि करते हुए पलामू की पुलिस अधीक्षक रिशमा रमेशन ने बताया कि मृतक सरफराज खान की शादी 22 जून को ही हुई थी। विवाह के कुछ ही दिनों बाद उसकी पत्नी का अतीत उसके जीवन पर भारी पड़ गया। दरअसल, विवाह से पहले ही उस लड़की का समीर शाह नामक युवक से प्रेम-प्रसंग था, जो शादी के बाद भी जारी रहा। शादी, इन दोनों के प्रेम में दीवार बन गई थी और उसी दीवार को हटाने के लिए मौत की साजिश रची गई।

विश्वासघात और हत्या की खौफनाक पटकथा
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी प्रेमी समीर शाह ने पहले सरफराज से मित्रता की और उसका भरोसा जीता। इसी भरोसे का खून करते हुए 30 जुलाई की शाम, समीर ने सरफराज को एक सुनसान जगह पर बुलाया, जहां दोनों ने शराब पी। जब सरफराज नशे में बेसुध हो गया, तो समीर ने पत्थर से उसके सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को जंगल में फेंक दिया गया, ताकि किसी को शक न हो।
हत्याकांड की साजिश के केंद्र में थी खुद नाबालिग पत्नी, जिसने अपने पति को घर बुलाकर उसके आने की सूचना प्रेमी को दी थी। इस पूरी घटना में उसकी सक्रिय भागीदारी रही, जो न केवल अपराध को अंजाम तक पहुंचाने में सहायक बनी, बल्कि अपराध के बाद भी शांत रही।
CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड ने खोली परतें
पुलिस को हत्या की सूचना मिलते ही तहकीकात तेज कर दी गई। तकनीकी विश्लेषण, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और कुछ गवाहियों के आधार पर साजिश का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने प्रेमी समीर शाह को गिरफ्तार कर लिया, जबकि नाबालिग पत्नी को CWC (बाल कल्याण समिति) के आदेश पर रांची के ऑब्जर्वेशन सेंटर में भेजा गया।

पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि लड़की नाबालिग है, इसलिए बाल विवाह अधिनियम के तहत उसके माता-पिता पर भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या इस हत्या में कोई और व्यक्ति भी शामिल था।

क्या कहता है कानून?
इस पूरे मामले में कई कानूनी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। एक तरफ यह मामला हत्या की साजिश और क्रूरता से जुड़ा है, तो वहीं दूसरी ओर इसमें नाबालिग लड़की और बाल विवाह की संवेदनशीलता भी है। ऐसे में पुलिस को बहुत संतुलित तरीके से जांच करनी पड़ रही है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिले और आरोपी को सख्त सजा।
सामाजिक सन्नाटा और उठते सवाल
इस हत्याकांड ने इलाके में सनसनी फैला दी है। लोग यह समझ नहीं पा रहे कि एक 16 साल की लड़की इतनी क्रूर कैसे हो सकती है, जो शादी के कुछ ही हफ्तों बाद पति की हत्या का षड्यंत्र रच दे। इस मामले ने बाल विवाह, प्रेम संबंधों की अनियंत्रित प्रवृत्ति और कमजोर पारिवारिक संरचना पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
पलामू में हुआ यह हत्याकांड केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों, भरोसे और सामाजिक संरचना पर किया गया एक गहरा हमला है। पुलिस की सख्त कार्रवाई और समाज की जागरूकता ही ऐसे मामलों पर लगाम कस सकती है। इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि एक नई पीढ़ी को संस्कार और संवेदनशीलता की कितनी आवश्यकता है।