पटना के गांधी मैदान के पास व्यापारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या, बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर उठे सवाल

गोपाल खेमका हत्या के मामले में एसआईटी का गठन
पटना (बिहार): राजधानी पटना के गांधी मैदान क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक प्रसिद्ध व्यवसायी गोपाल खेमका की अज्ञात हमलावरों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना गांधी मैदान थाना से महज कुछ कदमों की दूरी पर घटी, जिसने पूरे राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस ने तत्काल जांच तेज करते हुए सेंट्रल पटना की एसपी दीक्षा की अगुवाई में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।

घटना का विवरण
एसपी दीक्षा ने जानकारी दी कि
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“4 जुलाई की रात करीब 11 बजकर 40 मिनट पर सूचना मिली कि होटल पनास के पास एक प्रतिष्ठित व्यवसायी को गोली मार दी गई है। मौके पर पहुंचते ही पुलिस को मृत अवस्था में गोपाल खेमका मिले।”
पुलिस प्रारंभिक तौर पर इसे व्यक्तिगत दुश्मनी या व्यापारिक विवाद से जोड़कर देख रही है, हालांकि अभी किसी स्पष्ट कारण की पुष्टि नहीं की गई है।


राजनीतिक गर्मी: तेजस्वी यादव का हमला
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“थाने से चंद कदम दूर पटना में बिहार के बड़े व्यापारी की गोली मारकर हत्या। हर महीने सैकड़ों व्यापारियों की हत्या हो रही है लेकिन जंगलराज नहीं कह सकते? क्योंकि इसे ही शास्त्रों में मीडिया प्रबंधन, परसेप्शन मैनेजमेंट और छवि प्रबंधन कहते हैं।”
तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को ही सिवान में हुई एक अन्य नरसंहार जैसी घटना का जिक्र करते हुए लिखा:
“बिहार में नरसंहार, सिवान में 6 लोगों को मारी गोली, 3 की मौके पर मौत। अचेत मुख्यमंत्री की अगुवाई में विधि-व्यवस्था ध्वस्त है।”
सरकारी प्रतिक्रिया और पुलिस की कार्रवाई
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा:
“बिज़नेसमैन गोपाल खेमका की हत्या अत्यंत दुखद है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सेंट्रल पटना की एसपी की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया है। डीजीपी बिहार ने अपराधियों को जल्द पकड़ने का भरोसा दिलाया है।”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। इसके अलावा तकनीकी निगरानी, मोबाइल कॉल डिटेल, और संभावित आपराधिक नेटवर्क पर भी निगाह रखी जा रही है।
गांधी मैदान क्षेत्र की सुरक्षा पर सवाल
यह घटना गांधी मैदान थाना से बेहद नजदीक होने के कारण बिहार पुलिस की चौकसी और गश्ती व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। जिस क्षेत्र को सबसे सुरक्षित माना जाता है, वहीं इस तरह की हत्या होना जनता के बीच भय और अविश्वास का माहौल बना रहा है।
बिहार में बढ़ते अपराध: विपक्ष के लिए मुद्दा
बिहार में हाल के दिनों में लगातार अपराधों की घटनाएं सामने आई हैं — चाहे वह दिनदहाड़े गोलीबारी, व्यापारियों से फिरौती, या संपत्ति विवाद से जुड़ी हत्याएं हों। विपक्ष इसे राज्य में “जंगलराज” की वापसी बता रहा है, जबकि सरकार दावा करती है कि अपराध नियंत्रण में हैं और हर घटना पर तत्परता से कार्रवाई की जा रही है।
पटना में गोपाल खेमका जैसे प्रतिष्ठित व्यापारी की हत्या न सिर्फ कानून-व्यवस्था की विफलता की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अपराधियों में अब पुलिस और प्रशासन का भय घटता जा रहा है। पुलिस की ओर से त्वरित जांच और एसआईटी गठन सकारात्मक कदम है, लेकिन स्थायी समाधान के लिए राज्य सरकार को कानून व्यवस्था पर कठोरता और पारदर्शिता दोनों दिखानी होगी।