इंसानियत की मिसाल बने रामगढ़ डीसी: निरीक्षण के दौरान छात्र की बिगड़ी तबीयत, तुरंत अस्पताल पहुंचाकर कराया इलाज

रामगढ़ डीसी का सराहनीय कदम रामगढ़ डीसी का सराहनीय कदम
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गांधी स्मारक प्लस टू उच्च विद्यालय में जहरीले कीड़े के काटने से बिगड़ी छात्र की हालत, डीसी ने बिना देर किए लिया मानवीय निर्णय

रामगढ़, से मुकेश सिंह : रामगढ़ जिले में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने यह साबित कर दिया कि प्रशासनिक अधिकारी अगर संवेदनशील और तत्पर हों तो कैसे किसी की जान बचाई जा सकती है। गांधी स्मारक प्लस टू आदर्श उच्च विद्यालय में जब उपायुक्त (DC) औचक निरीक्षण पर पहुंचे, तो माहौल पूरी तरह शैक्षणिक था, बच्चे पढ़ाई में व्यस्त थे, और डीसी उनसे उनकी पढ़ाई की स्थिति की जानकारी ले रहे थे। इसी दौरान पास के एक कक्षा में 10+2 कक्षा का छात्र अभय कुमार अचानक दर्द से तड़प उठा। बाद में पता चला कि उसे किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया है। कुछ ही पलों में बच्चे के मुंह से झाग निकलने लगा और उसकी स्थिति बिगड़ने लगी।

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बिना देर किए DC ने दिखाई मानवीय तत्परता
जैसे ही उपायुक्त को जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत इंसानियत भरा कदम उठाया। किसी औपचारिकता या देरी के बजाय, उन्होंने स्वयं की गाड़ी में छात्र को बैठाया और उसे रामगढ़ सदर अस्पताल लेकर रवाना हो गए। इस दौरान उनके साथ स्कूल के कुछ शिक्षक और अधिकारी भी मौजूद थे।

अस्पताल में सिविल सर्जन की निगरानी में चल रहा इलाज
रामगढ़ सदर अस्पताल पहुंचते ही छात्र को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया। डॉक्टरों की एक टीम उसकी स्थिति को संभालने में जुट गई। रामगढ़ के सिविल सर्जन स्वयं निगरानी कर रहे हैं और छात्र की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।

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लोगों ने की डीसी के मानवीय पहल की जमकर तारीफ
डीसी के इस कदम की आम लोगों के साथ-साथ स्कूल स्टाफ और अस्पताल कर्मियों ने भी भूरी-भूरी प्रशंसा की। एक ओर जहां स्कूल में बच्चों के बीच चर्चा थी कि “हमारे डीसी सर कितने अच्छे हैं,” वहीं अस्पताल परिसर में भी डीसी की मौजूदगी से अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद हो गए और काम को गंभीरता से अंजाम देने लगे।

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विद्यालय प्राचार्य की प्रतिक्रिया
विद्यालय के प्रधानाचार्य संतोष कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

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“हमारे विद्यालय में आज डीसी साहब का औचक निरीक्षण चल रहा था। तभी एक छात्र को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया। बच्चे की हालत तेजी से बिगड़ने लगी। ऐसे समय में डीसी साहब ने बिना कोई देर किए खुद गाड़ी से उसे अस्पताल पहुंचाया। यह उनके मानवीय पक्ष को दर्शाता है।”

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सरल व्यक्तित्व और मानवता का परिचायक
रामगढ़ डीसी का यह कदम सिर्फ एक प्रशासनिक कार्रवाई नहीं, बल्कि एक संवेदनशील अधिकारी की पहचान बनकर सामने आया है। जब-जब अफसरशाही पर सवाल उठते हैं, ऐसे उदाहरण यह साबित करते हैं कि प्रशासन में आज भी ऐसे लोग हैं जो जनसेवा को सर्वोपरि मानते हैं।

घटना के बाद अस्पताल परिसर में विशेष सतर्कता
डीसी की मौजूदगी से अस्पताल प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया। कई विभागों में तैनात कर्मी तत्परता से अपना काम करने लगे और अस्पताल परिसर में अनुशासन और सजगता का वातावरण दिखा, जिसे देखकर मरीज और उनके परिजन भी प्रसन्न दिखे।

रामगढ़ के गांधी स्मारक प्लस टू उच्च विद्यालय में हुई इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब प्रशासनिक पद पर कोई संवेदनशील व्यक्ति होता है, तो जनता को सुरक्षा और राहत दोनों मिलती हैं। रामगढ़ डीसी का यह साहसी और मानवीय कदम आने वाले समय में अन्य अफसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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