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रामगढ़ में राजेश सिन्हा की गिरफ्तारी पर गरमाई राजनीति, भाजपा सांसद और विधायक ने पुलिस को चेताया

रामगढ़ , झारखंड से मुकेश सिंह की रिपोर्ट : रामगढ़ में हिंदू धर्म रक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता राजेश सिन्हा की गिरफ्तारी ने राजनीतिक रंग ले लिया है। भाजपा के हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल और बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी ने रविवार को होटल शिवम् इन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले पर नाराजगी जताई। उन्होंने रामगढ़ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार को ज्ञापन सौंपते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।

भाजपा नेताओं ने साफ तौर पर रामगढ़ पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई और मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया। उनके मुताबिक, पूरा मामला एक मुस्लिम युवक अफताब अंसारी से जुड़ा है, जो रामगढ़ के आरसी गारमेंट्स में काम करता था और उस पर एक आदिवासी लड़की के साथ यौन शोषण का आरोप है। इस आरोप में हिंदू टाइगर फोर्स के कार्यकर्ताओं ने उसे पकड़कर पुलिस को सौंपा, लेकिन सवाल खड़ा होता है – कि थाने में पुलिस की मौजूदगी के बावजूद वह युवक कैसे फरार हुआ?
और जब वह फरार हुआ, तो उसका शव रजरप्पा थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। अब हत्या या आत्महत्या का बहाना बनाकर रामगढ़ पुलिस ने हिंदू धर्म रक्षक राजेश सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। सांसद मनीष जायसवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में सीधे सवाल दागे – “क्या हिंदू लड़कियों की इज्जत की रक्षा करने वाला अब अपराधी कहलाएगा? क्या अफताब जैसे यौन अपराधियों की रक्षा करना ही अब प्रशासन का काम है?”
इतना ही नहीं, प्रेस कांफ्रेंस में राजेश सिन्हा पर दर्ज महिला उत्पीड़न के मामले को भी भाजपा नेताओं ने पूरी तरह झूठा और गढ़ा हुआ बताया। उन्होंने कहा कि समीम अंसारी नामक व्यक्ति ने नेहा सिंह नामक महिला को मोहरा बनाकर राजेश सिन्हा को फँसाने का षड्यंत्र रचा है। इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा ने हिंदू धर्म रक्षकों को कुचलने का संगठित प्रयास बताया।

सांसद मनीष जायसवाल का बयान:
“राजेश सिन्हा एक राष्ट्रवादी विचारधारा से प्रेरित कार्यकर्ता हैं। उन्होंने हमेशा धर्म, समाज और संविधान के दायरे में रहकर आवाज उठाई है। उन पर महिला उत्पीड़न जैसे झूठे मुकदमे दर्ज करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”

उन्होंने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि किसी समीम अंसारी द्वारा एक महिला नेहा सिंह को मोहरा बनाकर राजेश सिन्हा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसकी सच्चाई की तह तक पहुँचना जरूरी है।

विधायक रोशन लाल चौधरी ने कहा:
“यह मामला सिर्फ एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि हिंदू समाज की आवाज को दबाने की कोशिश है। यदि सत्य के साथ अन्याय होगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। पुलिस को बिना ठोस सबूत के किसी को हिरासत में नहीं लेना चाहिए।”
रामगढ़ के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार ने नेताओं को आश्वस्त किया कि,
“पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है। अफताब अंसारी की मौत के पीछे जिनकी भी संलिप्तता होगी, उन पर कार्रवाई तय है। राजेश सिन्हा को पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अन्य संदिग्धों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।”

रामगढ़ में राजेश सिन्हा की गिरफ्तारी ने जहां कानून और व्यवस्था को चुनौती दी है, वहीं भाजपा द्वारा दिया गया राजनीतिक समर्थन इस मामले को एक बड़ा मुद्दा बना सकता है। अब देखना यह होगा कि क्या पुलिस निष्पक्ष जांच कर समाज में भरोसा बहाल कर पाती है या मामला और अधिक उलझाव की ओर जाएगा।