श्री कृष्ण विद्या मंदिर में हुल दिवस मनाया गया

रामगढ़, 30 जून 2025: विद्यालय प्रांगण में बच्चों एवं शिक्षक – शिक्षिकाओं के सहयोग से हुल दिवस मनाया गया। संथाल हुल के महान विभूतियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गयी। 30 जून 1855 को आज के संथाल परगना के भोगनाडीह गांव से अंग्रेजी हुकूमत के बढ़ते शोषण के विरुद्ध सिद्धो, कान्हू, चाँद, भैरो,फूलों, झानो के नेतृत्व में एक आंदोलन का शंखनाद हुआ था, जिसे हुल के नाम से संबोधित किया गया। संथाल हुल के इन महान विभूतियों के साहसिक बलिदान की याद में हर वर्ष 30 जून को झारखंड में हूल दिवस मनाया जाता है। इस ऐतिहासिक विद्रोह में

आदिवासियों एवं मूल वासियों ने ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध जंगल और जमीन पर अपने अधिकार स्थापित करने हेतु अपना सर्वस्व त्याग किया था। विद्यालय के उप प्राचार्य विजय तिवारी ने बच्चों को झारखंड के उन महान क्रांतिकारियों के साहस एवं बलिदान से अवगत कराते हुए विद्यालय परिवार की तरफ से सभी संथाल हुल के महान विभूतियों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर विद्यालय की वरिष्ठ शिक्षिका सपना चक्रवर्ती ने भी बच्चों को संबोधित किया। कक्षा पांचवी की निवृत्ति गुप्ता, छठवीं के अरिजीत तथा आठवीं की इच्छा कुमारी ने अपने वक्तव्य के द्वारा विषय पर प्रकाश डाला तथा सभी महान विभूतियों को नमन किया।
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष आनंद अग्रवाल (अधिवक्ता) ने सिद्धो, कान्हू, भैरों, फूलो, झानो जैसे संथाल हुल के महान क्रांतिकारियों को नमन करते हुए एवं भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन वीर शहीदों के बलिदान एवं संघर्ष के कारण ही आज झारखंड की पहचान (संस्कृति जंगल एवं जमीन सहित) सुरक्षित है।