अब डायल 112 पर मिली शिकायतों पर सीधे नजर रखेंगे रांची के डीएसपी, एसपी और एसएसपी | नया मोबाइल ऐप करेगा रियल टाइम मॉनिटरिंग

रांची | ब्यूरो रिपोर्ट: राजधानी रांची में पुलिस सेवा को और अधिक जवाबदेह, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। डायल 112 पर आने वाली शिकायतों पर अब सिर्फ कंट्रोल रूम या पीसीआर वाहन ही नहीं, बल्कि डीएसपी, एसपी और एसएसपी स्तर के अधिकारी भी सीधी नजर रख सकेंगे।

नई तकनीक से लैस मोबाइल ऐप करेगा हर कॉल का लाइव ट्रैक
पुलिस विभाग ने एक स्पेशल मोबाइल ऐप तैयार किया है, जिसकी मदद से जब भी कंट्रोल रूम से पीसीआर वाहन को सूचना दी जाएगी, तो उसी क्षण वह अलर्ट संबंधित डीएसपी, एसपी और एसएसपी तक भी स्वतः पहुंच जाएगा। इस ऐप के माध्यम से अधिकारी यह देख सकेंगे कि:
•पीसीआर वाहन को किस समय अलर्ट किया गया।
•वह घटना स्थल पर कितनी देर में पहुंचा।
•वहां क्या-क्या कार्रवाई की गई।
इससे पूरे पुलिस तंत्र की प्रतिक्रिया क्षमता और पारदर्शिता में भारी सुधार आएगा।
अब पीसीआर की लेट-लतीफी पर नहीं चलेगा पर्दा
अभी तक की प्रणाली में केवल कंट्रोल रूम और पीसीआर के बीच संवाद होता था, और वरिष्ठ अधिकारी घटना की जानकारी देरी से या अधूरी पाते थे। इससे कभी-कभी मौके पर समय पर पहुंचने में चूक होती थी और जवाबदेही तय करना मुश्किल हो जाता था।


लेकिन अब वरिष्ठ अधिकारी भी खुद देख पाएंगे कि कौन सी टीम कितनी सक्रिय है और किसने लापरवाही बरती है। इससे फील्ड पर काम कर रहे कर्मियों में सजगता और जिम्मेदारी का स्तर बढ़ेगा।
14 मिनट है रांची पुलिस की औसत प्रतिक्रिया समय, और सुधार की तैयारी
रांची पुलिस फिलहाल औसतन 14 मिनट में डायल 112 कॉल का रिस्पॉन्स दे रही है। लेकिन पुलिस प्रशासन इस समय को और कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इस ऐप की लॉन्चिंग को उसी दिशा में महत्वपूर्ण तकनीकी सुधार के रूप में देखा जा रहा है।
पुलिस सेवा को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की पहल
यह ऐप पुलिस सेवा को “डिजिटल इंडिया” अभियान से जोड़ने की दिशा में भी एक सकारात्मक कदम है। अब किसी भी शिकायत को अधिकारी नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे। सब कुछ ऐप पर रिकॉर्ड हो जाएगा, जिससे:
•त्वरित निर्णय लेना आसान होगा।
•शिकायतों का समाधान शीघ्र और •पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा।
•आम जनता को पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा।
जनता के लिए बेहतर सुरक्षा, अधिकारियों के लिए जवाबदेही
रांची के नागरिकों को इस नई व्यवस्था से यह भरोसा मिलेगा कि उनकी शिकायत अब सिर्फ दर्ज ही नहीं होगी, उस पर एक्शन भी होगा — और वह भी वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में।
इससे लोगों का पुलिस पर भरोसा बढ़ेगा और डायल 112 की उपयोगिता आम जनमानस तक और प्रभावी रूप में पहुंचेगी।
रांची पुलिस द्वारा शुरू किया गया यह नया तकनीकी ऐप सुरक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन ला सकता है। जब जवाबदेही शीर्ष स्तर तक पहुंचती है, तो फील्ड लेवल पर भी काम की गति और ईमानदारी दोनों में सुधार होता है। यह पहल झारखंड के अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
Munadi Live तकनीक और जनहित से जुड़ी इस सकारात्मक खबर का स्वागत करता है। इस तरह की और खबरों के लिए जुड़े रहिए MunadiLive.com के साथ।