रांची मंडल के डाकघरों में IT सिस्टम ने छोड़ा साथ
रक्षा बंधन पर बढ़ी लोगों की भीड़, स्पीड पोस्ट व बैंकिंग सेवाएं ठप, जनता हो रही परेशान
रांची: राजधानी रांची समेत पूरे रांची डाक मंडल के अंतर्गत आने वाले डाकघरों में शुक्रवार को लगातार पांचवें दिन भी सामान्य कामकाज बुरी तरह प्रभावित रहा। ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत शुरू की गई नई IT प्रणाली (IT 2.0 सॉफ्टवेयर) फिलहाल जनता के लिए सिरदर्द बन गई है। डाक विभाग की यह तकनीकी व्यवस्था इतनी असहज साबित हो रही है कि इसका सीधा असर आम जनता पर देखने को मिल रहा है।
रक्षा बंधन जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार के ठीक पहले ऐसी तकनीकी विफलता से डाकघर सेवा में पूरी तरह ठहराव आ गया है। रांची जीपीओ, सिविल कोर्ट परिसर, हेहल, डोरंडा, नामकुम, और कांके रोड स्थित डाकघरों में लोग अपनी राखी, ग्रीटिंग्स और जरूरी सामान भेजने के लिए घंटों लाइन में लगे रहे, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
राखी भेजने वालों के लिए झटका
रक्षाबंधन के मौके पर हर साल देशभर से हजारों राखियां डाक के माध्यम से भेजी जाती हैं। लेकिन इस बार रांची के डाकघरों में आईटी सिस्टम की खामियों के कारण न तो स्पीड पोस्ट हो पा रही है, न ही डाक सामग्री की स्कैनिंग, और न ही लेन-देन संबंधित बैंकिंग कार्य पूरे हो पा रहे हैं।
नतीजतन डाकघरों में लंबी-लंबी कतारें लग गई हैं, लेकिन सेवा लगभग ठप होने के कारण लोगों को मायूस लौटना पड़ रहा है। खासतौर पर वे महिलाएं जो अपने भाइयों को राखी भेजने के लिए डाकघरों का रुख कर रही हैं, वे सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई लोगों ने बताया कि तीन दिन से चक्कर काट रहे हैं लेकिन एक भी पोस्ट नहीं हो पाई।
IT 2.0 सॉफ्टवेयर बना परेशानी की जड़
डाक विभाग द्वारा हाल ही में शुरू किया गया IT 2.0 सॉफ्टवेयर, जो कि पूरे देश के डाकघरों को डिजिटल रूप से एकीकृत करने की योजना का हिस्सा है, तकनीकी परीक्षण में ही फेल होता नजर आ रहा है। सिस्टम बार-बार हैंग हो रहा है, सर्वर डाउन हो रहा है और कार्य की प्रक्रिया पूरी तरह से स्लो हो गई है।
सबसे ज्यादा दिक्कत ट्रैकिंग सिस्टम में आ रही है। आम जनता अपनी डाक सामग्री की स्थिति जानने के लिए डाकघर पहुंच रही है, लेकिन उन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा पा रही है क्योंकि ट्रैकिंग पोर्टल भी काम नहीं कर रहा है।
स्टाफ परेशान, काम का दबाव बढ़ा
डाक कर्मचारियों का कहना है कि लगातार तकनीकी गड़बड़ियों के बावजूद उनसे सेवा बहाल रखने की अपेक्षा की जा रही है, लेकिन जब सिस्टम ही काम नहीं कर रहा है तो वे भी असहाय हैं। कई जगहों पर स्टाफ को मैनुअल एंट्री करनी पड़ रही है, जिससे काम और धीमा हो गया है।
डिजिटल इंडिया की साख पर सवाल
एक तरफ सरकार डिजिटल इंडिया की बात करती है, वहीं दूसरी ओर डाकघर जैसी बुनियादी सेवाएं आईटी फेल्योर का शिकार बनती जा रही हैं। एक महिला उपभोक्ता ने बताया कि “यदि यही हाल रहा तो अब डाकघर पर भरोसा करना मुश्किल होगा।” लोगों का कहना है कि जब बैंकिंग सेवाएं और पोस्टिंग व्यवस्था ही बाधित हो जाए तो डिजिटल ट्रांजिशन बेमतलब हो जाता है।
कोई आधिकारिक बयान नहीं
अब तक डाक विभाग की ओर से कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है कि तकनीकी गड़बड़ी कब तक दूर होगी। लोगों को इस बात की भी चिंता है कि रक्षा बंधन से पहले राखी पहुंच पाएगी या नहीं, क्योंकि डाक वितरण प्रणाली पूरी तरह ठप हो चुकी है।
डाकघरों में आईटी प्रणाली की विफलता ने आम जनता को पांच दिनों से बेहाल कर रखा है। खासकर जब त्योहार करीब हो और डाक सेवा बाधित हो जाए, तो यह न केवल सेवा की असफलता को दर्शाता है बल्कि सरकारी व्यवस्था की तैयारियों पर भी सवाल उठाता है। डाक विभाग को चाहिए कि वह जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करे ताकि लोगों की विश्वसनीयता बरकरार रह सके और महत्वपूर्ण दस्तावेज व सामग्री समय पर गंतव्य तक पहुंच सके।