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“मुसलमानों को गुलाम बनाने की साज़िश कर रही है भाजपा सरकार, वक्फ कानून लागू नहीं होने देंगे – झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का ऐलान”

“या अल्लाह! वहशी को इंसान बना दे” – डॉ. इरफान अंसारी का गरजता बयान, मोदी सरकार को बताया लोकतंत्र का कसाई
फूकबंदी, 8 अप्रैल 2025 : झारखंड की सरज़मीं से केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ एक और बुलंद आवाज़ उठी है। फूकबंदी मदरसा में आयोजित ऐतिहासिक वार्षिक महासम्मेलन के मंच से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा, तीखा और आक्रामक हमला बोलते हुए कहा, “या अल्लाह! वहशी को इंसान बना दे।” यह वाक्य एक सियासी तीर था, जो सत्ता के उस अहंकार को चीरता चला गया जो आज देश के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों को निगलने पर आमादा है।

“मोदी सरकार राक्षस है, जो मुसलमानों को निगल जाना चाहती है” – डॉ. इरफान अंसारी
डॉ. अंसारी ने तीखे स्वर में कहा – “यह सरकार किसी लोकतांत्रिक प्रणाली की नहीं, बल्कि एक राक्षसी सोच की उपज है। यह वो शासन है जो मुसलमानों को सिर्फ़ वोट बैंक मानती है, अधिकार नहीं देती। यह हमें सिर्फ़ चुपचाप सहने वाला वर्ग बनाना चाहती है। लेकिन हम अब चुप नहीं बैठेंगे। भाजपा की सरकार हमें गूंगा, बहरा और मजबूर बनाना चाहती है – लेकिन मैं यह साफ़ कर देना चाहता हूं कि मुसलमान अब चुप नहीं रहेंगे। हम अपने हक की आवाज़ को इतनी ऊंची करेंगे कि दिल्ली की सत्ता को सुनाई दे।”

वक्फ संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं करने देंगे, झारखंड में नहीं लागू होगा यह काला कानून
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,
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“वक्फ संपत्ति पर भाजपा की नज़र गिद्ध जैसी है। यह हमारी इबादत की ज़मीन है, हमारे बुज़ुर्गों की वसीयत है, और हमारे बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी है। इस पर अगर कोई हाथ डालेगा, तो उंगलियां नहीं, पूरा हाथ तोड़ दिया जाएगा। झारखंड में इस काले कानून को लागू करना मोदी सरकार का सपना ही रह जाएगा। मैं इस राज्य का बेटा हूं, और यहां मुसलमानों की एक इंच ज़मीन पर भी किसी की बुरी नज़र नहीं पड़ने दूंगा।”
“हमने कुछ नहीं माँगा, फिर तुम हमारे हितैषी क्यों बनते हो?” – मुस्लिमों के नाम पर साजिश का आरोप
डॉ. अंसारी ने भाजपा पर “छल और धोखे” की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा,
“जब मुसलमानों ने तुमसे कभी कुछ नहीं माँगा, तो तुम हमारे फर्ज़ी हितैषी क्यों बनते हो? तुम कौन होते हो हमें बताने वाले कि हमें क्या चाहिए? हमारे बच्चों की तालीम, हमारी ज़बान, हमारी मस्जिद, हमारा मदरसा, हमारी ज़मीन – ये सब हमारे बुज़ुर्गों की अमानत है, और इस अमानत पर अब हम डटकर पहरा देंगे।” उन्होंने सीएए, एनआरसी, तीन तलाक और अब वक्फ कानून को एक साज़िश करार दिया और कहा कि “यह सब योजनाएं हैं मुसलमानों को ग़ुलाम बनाने की, उन्हें डराने की, नीचा दिखाने की – लेकिन अब डर खत्म हो चुका है।”
हफीजुल अंसारी का बड़ा ऐलान – उर्दू अकादमी और मदरसा बोर्ड जल्द
कार्यक्रम में मौजूद जल संसाधन एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल अंसारी ने भी मुस्लिम समाज को भरोसा दिलाते हुए कहा,
“हम इस कौम की आवाज़ बनकर हर मंच पर लड़ेंगे। बहुत जल्द झारखंड में उर्दू अकादमी और मदरसा बोर्ड का गठन होगा। हमारी सरकार अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए नीतिगत फैसले लेने जा रही है। हमारी भाषा, हमारी तालीम, हमारी तहज़ीब की हिफाज़त अब सरकार की प्राथमिकता है।”
उलमा और समाज के प्रतिनिधियों की हुंकार – “हम अपने हक पर कोई समझौता नहीं करेंगे”
सभा में उपस्थित उलमा-ए-किराम, मदरसा शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और आम लोग बेहद भावुक नजर आए। एक के बाद एक वक्ताओं ने मंच से ऐलान किया –
“आज जब केंद्र सरकार हमें चारों ओर से घेरने की कोशिश कर रही है, हमारी ज़मीन छीनने पर उतारू है, तब हमें इरफान अंसारी जैसे बेबाक रहनुमाओं की जरूरत है। हम आपको अपना नेता मानते हैं, और उम्मीद करते हैं कि आप मुसलमानों की आवाज़ को संसद, विधानसभा और अदालत तक पहुंचाएंगे।”
झारखंड से उठी आग, दिल्ली तक जाएगी
फूकबंदी से उठी इस आवाज़ को अब महज एक भाषण नहीं कहा जा सकता। यह एक आंदोलन की शुरुआत है – एक चेतावनी, एक हुंकार कि अब कोई भी सरकार, कोई भी सत्ता मुसलमानों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती। डॉ. इरफान अंसारी और हफीजुल अंसारी की बातें अब महज़ वादे नहीं, एक लड़ाई का ऐलान हैं।
झारखंड की सियासत अब गर्म है – और इस आग की आंच दिल्ली तक महसूस की जाएगी।