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झारखंड कैबिनेट बैठक आज, शिबू सोरेन आवास पर फैसला
झारखंड कैबिनेट की बैठक आज, शिबू सोरेन आवास और छात्रवृत्ति योजना पर हो सकता है बड़ा फैसला
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बैठक
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज 2 सितंबर को राज्य कैबिनेट की अहम बैठक होने जा रही है। बैठक का आयोजन झारखंड मंत्रालय के मंत्रिपरिषद कक्ष में अपराह्न 2:30 बजे से किया जाएगा। मानसून सत्र के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक है, जिसे राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
शिबू सोरेन आवास पर निर्णय
कैबिनेट बैठक का सबसे अहम प्रस्ताव दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के पुरोधा शिबू सोरेन से जुड़ा है। मोरहाबादी स्थित वह सरकारी आवास, जो शिबू सोरेन को आवंटित था, अब उस पर फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, यह आवास फिलहाल उनकी पत्नी रुपी सोरेन के नाम पर आवंटित किए जाने का प्रस्ताव है। इसके बाद आगे चलकर इस आवास के स्वरूप और उपयोग को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को शिबू सोरेन के योगदान के सम्मान से जोड़कर देखा जा रहा है।
PMFME स्कीम को 2026 तक बढ़ाने का प्रस्ताव
बैठक में उद्योग विभाग की ओर से लाया गया एक प्रस्ताव भी रखा जाएगा। यह प्रस्ताव PMFME (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम उन्नयन) स्कीम को वर्ष 2026 तक बढ़ाने से जुड़ा है। इस योजना का लाभ सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को दिया जाता है ताकि उन्हें आधुनिक तकनीक, वित्तीय सहायता और विपणन सहयोग मिल सके।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर योजना का विस्तार किया जाता है तो ग्रामीण स्तर पर छोटे उद्योगों और महिला उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी।
मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना में विस्तार
कैबिनेट की बैठक में कल्याण विभाग द्वारा भेजा गया प्रस्ताव भी रखा जाएगा, जिसमें मरांग गोमके पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाने की बात है। फिलहाल इस योजना के तहत हर साल 25 छात्रों को मास्टर्स और एमफिल डिग्री के लिए विदेश में पढ़ाई हेतु छात्रवृत्ति दी जाती है। आज की बैठक में इस संख्या को बढ़ाकर 50 लाभुकों तक करने का प्रस्ताव है। इस योजना का उद्देश्य झारखंड के आदिवासी और वंचित तबके के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना है।
मानसून सत्र के बाद पहली बड़ी बैठकमानसून सत्र समाप्त होने के बाद यह पहली कैबिनेट बैठक है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस बैठक में लिए जाने वाले फैसले आने वाले दिनों में राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और नीतियों की दिशा तय करेंगे।
- शिबू सोरेन आवास पर फैसला सरकार के राजनीतिक संदेश को दर्शाएगा।
- PMFME स्कीम का विस्तार राज्य के औद्योगिक और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देगा।
- छात्रवृत्ति योजना का दायरा बढ़ाना युवाओं और शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की गंभीरता को दिखाता है।
राजनीतिक महत्व
शिबू सोरेन का नाम झारखंड की राजनीति में आंदोलन और संघर्ष के प्रतीक के रूप में लिया जाता है। इसलिए उनके आवास से जुड़ा कोई भी निर्णय न केवल प्रशासनिक, बल्कि भावनात्मक और राजनीतिक दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है। वहीं छात्रवृत्ति योजना और PMFME जैसे प्रस्ताव राज्य की विकास और कल्याणकारी राजनीति को मजबूत करने वाले हैं।
आज होने वाली झारखंड कैबिनेट की बैठक कई अहम निर्णयों का गवाह बन सकती है। शिबू सोरेन आवास पर फैसला ऐतिहासिक महत्व का होगा, जबकि छात्रवृत्ति योजना और PMFME स्कीम का विस्तार सीधे तौर पर युवाओं, छात्रों और छोटे उद्यमियों के भविष्य को प्रभावित करेगा।
झारखंड के लोग इस बैठक पर टकटकी लगाए हुए हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में कैबिनेट कौन से फैसले लेती है।