बिहार चुनाव 2025 : 2 से 12 अक्टूबर के बीच बज सकता है चुनावी बिगुल, पूजा पर्व के बीच मतदान की तैयारी तेज
बिहार की राजनीति का महासंग्राम – बस चंद दिनों का इंतजार
बिहार: बिहार की राजनीति के महासंग्राम का समय नजदीक आ चुका है। राज्य की सियासत में हलचल तेज हो गई है और सभी राजनीतिक दल मैदान में उतर चुके हैं। चुनाव आयोग भी बिहार के चुनावी माहौल को देखते हुए अपनी तैयारियां तेज कर रहा है।
बिहार की राजनीति का महासंग्राम – बस चंद दिनों का इंतजार
चुनाव आयोग 30 सितंबर के बाद बिहार में
सूत्रों के मुताबिक, 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद ही चुनाव आयोग की टीम बिहार का दौरा करेगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार पूरे आयोग के साथ पटना पहुंचने वाले हैं।
2 से 12 अक्टूबर के बीच हो सकता है चुनाव की तारीखों का ऐलान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के दौरे की संभावित तारीखों से अनुमान लगाया जा रहा है कि 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर के बीच किसी भी दिन बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकती है। यानी जैसे ही आयोग की टीम पटना उतरेगी, वैसे ही चुनावी बिगुल बज सकता है।
पूजा पर्व के बीच पड़ सकती है मतदान की तारीख
इस बार चुनावी कैलेंडर दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्वों के बीच रखा जा सकता है। जानकारों का मानना है कि चुनाव की तारीखें इन त्योहारों के दौरान ही तय की जाएंगी, ताकि प्रवासी बिहारी जो कामकाज के सिलसिले में दूसरे राज्यों में रहते हैं, वे अपने घर लौटकर मतदान कर सकें।
सरकार ने प्रवासी मतदाताओं के लिए की विशेष तैयारी
राज्य सरकार ने भी प्रवासी मतदाताओं की सुविधा के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पूजा के दौरान बिहार लौटने वालों को सरकार बसों के किराए में 30 प्रतिशत तक की छूट दे रही है। साथ ही, दूसरे राज्यों से बिहार आने वालों के लिए विशेष बसें भी चलाई जा रही हैं।
तीन चरणों में हो सकता है चुनाव
मिल रही जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव दो या तीन चरणों में हो सकते हैं। फिलहाल ज्यादा संभावना तीन चरणों की जताई जा रही है। आयोग ऐसी तारीखें तय करने की कोशिश करेगा कि पूजा में शामिल होने आए प्रवासी वोट डालकर बिहार से लौट सकें।
पार्टियों की तैयारी तेज
जैसे-जैसे तारीखों का ऐलान करीब आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने और चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार करने में जुटी हैं। महागठबंधन और एनडीए दोनों ही अपने-अपने मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंचने लगे हैं।
जनता की उम्मीदें और चुनाव आयोग की चुनौती
इस बार बिहार चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग नई पहल कर सकता है। प्रवासी मतदाताओं की वापसी, सुरक्षा व्यवस्था, और त्योहारों के बीच शांतिपूर्ण मतदान कराना आयोग की सबसे बड़ी चुनौती होगी।