दीपावली से पूर्व महालक्ष्मी योग का शुभ खरीदारी मुहूर्त: 24 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र और 6 महत्वपूर्ण योग, 752 वर्षों बाद होगा ऐसा संयोग

24 अक्टूबर को गुरु पुष्य नक्षत्र का आगमन
इस वर्ष, 24 अक्टूबर, गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का आगमन हो रहा है, जिसे गुरु पुष्य या मिनी धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है। यह विशेष योग केवल एक आधिकारिक तिथि नहीं है, बल्कि यह एक दिव्य समय है जब सभी कार्यों में सफलता की संभावना अधिक होती है। पुष्य नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि और इसके देवता बृहस्पति होते हैं, जो धन, वैभव, और ज्ञान के प्रतीक माने जाते हैं। इस दिन किए गए कार्यों का फल सकारात्मक रहता है, और यह विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों, नए उपक्रमों और निवेश के लिए शुभ है।

दीपावली की खरीदारी का आरंभ
हर साल दीपावली से लगभग 7 दिन पहले पुष्य नक्षत्र आता है, जिससे दिवाली की खरीदारी की परंपरा शुरू होती है। इस दिन लोग नए कपड़े, बर्तन, आभूषण, और मिठाइयाँ खरीदते हैं, जिससे बाजार में रौनक बढ़ जाती है। दीवाली की खरीदारी में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं की खरीदारी होती है, जैसे कि भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की मूर्तियाँ, दीये और सजावटी सामग्री। यह समय न केवल व्यक्तिगत समृद्धि का संकेत है, बल्कि समाज में एकजुटता और खुशी फैलाने का भी अवसर है।

महान योग का संयोग
24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सूर्योदय के साथ शुरू होगा और पूरे दिन बना रहेगा। इस दिन महालक्ष्मी, सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, पारिजात, बुधादित्य, और पर्वत योग जैसी कई शुभ स्थितियां बन रही हैं। इन योगों के संयोग से व्यापार में वृद्धि, नई परियोजनाओं की शुरुआत, और निवेश में लाभ की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। महालक्ष्मी योग विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। यह विश्वास किया जाता है कि इस समय की गई खरीदारी से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं, जैसे करियर में उन्नति, धन की प्राप्ति और पारिवारिक सुख।


752 वर्षों का अद्वितीय मुहूर्त
ज्योतिषियों के अनुसार, इस तरह का खरीदारी का मुहूर्त पिछले 752 वर्षों में नहीं बना है। यह संयोग केवल एक विशेष तिथि का संकेत नहीं है, बल्कि यह एक दीर्घकालिक आर्थिक विकास की दिशा में कदम उठाने का सही समय है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दिन की गई खरीदारी से न केवल व्यक्तिगत लाभ होगा, बल्कि सामूहिक समृद्धि भी प्राप्त होगी। जैसे-जैसे लोग अपने वित्तीय संसाधनों को एकत्र करते हैं, बाजार में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे सभी को लाभ होता है।
शुभ खरीदारी के अवसर
ज्योतिषियों का मानना है कि इस दिन सोना-चांदी, बर्तन, कपड़े, फर्नीचर, मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन, और संपत्ति की खरीदारी लाभदायक रहेगी। खासतौर पर रियल एस्टेट में किया गया निवेश दीर्घकालिक लाभ देने वाला रहेगा। रियल एस्टेट का बाजार इस समय के दौरान तेजी से बढ़ सकता है, क्योंकि लोग अपने नए घर की योजना बनाते हैं। इस दिन बड़े व्यापार सौदों के लिए भी यह मुहर्त अत्यंत फायदेमंद साबित हो सकता है। नए व्यवसाय की शुरुआत करने के इच्छुक उद्यमियों के लिए भी यह एक स्वर्णिम अवसर है।


ग्रहों की स्थिति और निवेश के अवसर
पुष्य नक्षत्र का स्वामी शनि और इसके देवता बृहस्पति हैं, जो वर्तमान में शुभ स्थिति में हैं। इन ग्रहों के प्रभाव से सोना-चांदी, मशीनरी, और रियल एस्टेट में बड़े निवेश की संभावनाएं बढ़ रही हैं। ज्योतिषी सलाह देते हैं कि इस योग में की गई खरीदारी से भविष्य में स्थायी संपत्ति का निर्माण हो सकता है। निवेशक इस समय का उपयोग करके अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। खासकर, छोटे निवेशकों के लिए यह समय शेयर बाजार में प्रवेश करने का सही समय है, क्योंकि गिरावट के बावजूद, दीर्घकालिक लाभ की संभावना बनी रहती है।
शेयर बाजार में संभावित गिरावट
ग्रह-स्थिति के अनुसार, शेयर बाजार में गिरावट की आशंका जताई जा रही है। ऐसे समय में किया गया निवेश, विशेष रूप से जब अन्य निवेशक भयभीत होते हैं, दीर्घकालिक लाभ दे सकता है। जब बाजार वापस उभरता है, तो ऐसे समय में की गई खरीदारी से बड़ी वृद्धि देखने को मिल सकती है। इससे निवेशकों को लाभ की संभावनाएं मिलती हैं। इस अवसर का सही उपयोग कर निवेशक अपने पोर्टफोलियो को मजबूत कर सकते हैं।

पुष्य नक्षत्र का महत्व
पुष्य नक्षत्र में किए गए कार्य दोषमुक्त होते हैं और जल्दी सफलता मिलती है। रविवार और गुरुवार को पड़ने वाला पुष्य नक्षत्र विशेष रूप से शुभ होता है। इसे धन, यश, और वैभव का नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में की गई पूजा और भक्ति से भी जीवन में समृद्धि आ सकती है। पुष्य नक्षत्र का प्रभाव सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है, और इस समय किया गया ध्यान और साधना व्यक्ति को मानसिक और भौतिक दोनों तरह से मजबूत बना सकता है।
धन और समृद्धि का प्रतीक
कमोडिटी एक्सपर्ट कृष्णानंद पटवारी के अनुसार, पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इसके अंतर्गत शुभ कार्यों की शुरुआत, संपत्ति और वाहन की खरीदारी की परंपरा है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में सोना खरीदने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इसे शास्त्रों में अमरेज्य कहा गया है, जिसका अर्थ है स्थिरता और अमरता लाने वाला नक्षत्र। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करके और अच्छे कार्य करके धन, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति की जा सकती है।