झारखंड में मौसम की दोहरी मार: भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी, रांची समेत 12 जिले हाई रिस्क जोन में

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रांची : झारखंड में मानसून अपने पूरा ज़ोर पर है, लेकिन इसके साथ ही खतरे की घंटी भी बज चुकी है। सोमवार, 7 जुलाई 2025 को मौसम विभाग और फ्लैश फ्लड गाइडेंस सिस्टम (FFGS) ने राज्य के 12 जिलों में अचानक बाढ़ (Flash Flood) की चेतावनी जारी की है। इसके अलावा, 8 जिलों में भारी बारिश और वज्रपात के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।

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किन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा?
मौसम विज्ञान केंद्र, रांची ने भारी वर्षा की आशंका जिन 8 जिलों में जताई है, वे हैं:

  • गढ़वा
  • पलामू
  • लातेहार
  • लोहरदगा
  • गुमला
  • सिमडेगा
  • खूंटी
  • पश्चिमी सिंहभूम

इन जिलों में 7 से 11 सेंटीमीटर तक की बारिश, 30 से 40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं, और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। मौसम विभाग ने जनता से विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है।

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फ्लैश फ्लड: कहां-कहां हो सकता है अचानक सैलाब
फ्लैश फ्लड गाइडेंस सेल की रिपोर्ट बताती है कि मानसून की तेज़ बारिश की वजह से जलभराव और नदी-नालों के उफान से अचानक बाढ़ (Flash Flood) की स्थिति बन सकती है। प्रभावित जिलों की सूची:

  • गढ़वा
  • पलामू
  • लातेहार
  • लोहरदगा
  • गुमला
  • सिमडेगा
  • खूंटी
  • रांची
  • सरायकेला
  • पश्चिमी सिंहभूम
  • पूर्वी सिंहभूम
  • बोकारो

यह चेतावनी 8 जुलाई की शाम 5:30 बजे तक प्रभावी रहेगी।

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रांची में मानसून का बदलता मिज़ाज
राजधानी रांची में बीते दो दिनों से सुबह-सुबह कुहासा और नमी की स्थिति बनी हुई है। हालांकि सोमवार को दोपहर बाद तेज बारिश और गरज-चमक की संभावना जताई गई है। रांची जिला प्रशासन ने सभी स्कूलों को मौसम के अनुरूप सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

मानसून एक्टिविटी का वैज्ञानिक विश्लेषण
वर्तमान में मानसून ट्रफ लाइन झारखंड के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र से होकर गुजर रही है। यह ट्रफ लाइन तेज बारिश और बादलों के जमाव की वजह बन रही है। साथ ही बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी युक्त हवाएं बादलों को भारी बना रही हैं। इसी वजह से कुछ जिलों में फ्लैश फ्लड जैसे हालात बनने की आशंका है।

प्रशासन और आपदा प्रबंधन की तैयारी
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDRF) को सभी संवेदनशील जिलों में अलर्ट मोड पर रखा गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24×7 सक्रिय हैं। नदी किनारे बसे गांवों और निचले इलाकों में विशेष निगरानी रखी जा रही है। संभावित बाढ़ क्षेत्रों में नौकाओं, प्राथमिक चिकित्सा किट, और राहत केंद्रों की व्यवस्था की जा रही है।

जनता के लिए सुझाव और सावधानियां
भारी बारिश के दौरान खुले मैदान या ऊंचे पेड़ों के नीचे खड़ा न रहें। नालों, पुलों, नदी किनारे या ढलानों पर जाने से बचें। मोबाइल चार्ज रखें, फ्लैशलाइट और जरूरी दवाएं अपने पास रखें। बिजली गिरने की स्थिति में घर में रहें और धातु से बनी वस्तुओं से दूरी रखें। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर पर अलर्ट सिस्टम को एक्टिव किया गया है।

आगे क्या?
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, झारखंड में आने वाले 3 से 4 दिन मानसून सक्रिय रहेगा। विशेष रूप से दक्षिणी और पश्चिमी जिलों में लगातार बारिश और जलभराव जैसी स्थिति बनी रह सकती है। पूर्वी सिंहभूम और बोकारो में भी भारी बारिश का चक्र शुरू हो सकता है।

सतर्कता ही सुरक्षा है
झारखंड में बारिश राहत के साथ-साथ आफ़त भी लेकर आई है। ऐसे में प्रशासन से लेकर आम नागरिकों तक को एकजुट होकर सतर्कता बरतनी होगी। फ्लैश फ्लड कोई सामान्य स्थिति नहीं, यह बेहद तेज़ी से आने वाला सैलाब होता है जो जान-माल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए मौसम विभाग और स्थानीय प्रशासन की हर चेतावनी को गंभीरता से लें और सुरक्षा के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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