अदाणी पावर ने बिहार सरकार के साथ 2400 मेगावाट बिजली आपूर्ति समझौता किया
अहमदाबाद :भारत की सबसे बड़ी निजी ताप विद्युत उत्पादक कंपनी अदाणी पावर लिमिटेड (APL) ने आज बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) के साथ 25 साल के लिए 2400 मेगावाट बिजली आपूर्ति का बड़ा समझौता किया। यह बिजली अदाणी पावर के भागलपुर जिले के पीरपैंती में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट से उपलब्ध कराई जाएगी।
25 साल के लिए 2400 मेगावाट बिजली की आपूर्ति
यह समझौता BSPGCL द्वारा अगस्त 2025 में जारी लेटर ऑफ अवार्ड (LoA) के बाद हुआ है। इस परियोजना को उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (NBPDCL) और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) की ओर से आमंत्रित किया गया था। अदाणी पावर ने ₹6.075 प्रति यूनिट (kWh) की सबसे कम दर पर यह परियोजना हासिल की है।
3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश, DBFOO मॉडल पर निर्माण
कंपनी इस पावर प्लांट (800 मेगावाट × 3) और आधारभूत संरचना के निर्माण पर लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन और ऑपरेट (DBFOO) मॉडल पर करेगी। परियोजना के लिए कोयले की आपूर्ति भारत सरकार की SHAKTI पॉलिसी के तहत सुनिश्चित की गई है।
हजारों को रोजगार और 60 महीनों में पूरा होने का लक्ष्य
इस परियोजना के निर्माण चरण में लगभग 10,000–12,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा, जबकि संचालन शुरू होने पर लगभग 3,000 लोगों को रोजगार उपलब्ध होगा। अदाणी पावर का लक्ष्य है कि यह परियोजना 60 महीनों के भीतर पूरी तरह चालू हो जाए।
अदाणी पावर: भारत की सबसे बड़ी निजी ताप विद्युत उत्पादक
अदाणी पावर लिमिटेड, अदाणी पोर्टफोलियो का हिस्सा है और देश की सबसे बड़ी निजी ताप विद्युत उत्पादक कंपनी है। वर्तमान में कंपनी की 18,110 मेगावाट की स्थापित क्षमता है, जो गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में फैले 12 ताप विद्युत संयंत्रों से आती है। इसके अलावा, गुजरात में 40 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र भी संचालित हो रहा है।
भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेज़ी
एक विश्वस्तरीय विशेषज्ञ टीम के सहयोग से अदाणी पावर भारत को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के अपने लक्ष्य की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। बिहार के साथ हुआ यह करार राज्य के ऊर्जा क्षेत्र में बड़ा बदलाव ला सकता है और विकास की रफ्तार को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।