भाजपा को झटका: कार्यसमिति सदस्य अंकिता वर्मा सैकड़ों समर्थकों के साथ झामुमो में हुईं शामिल

अंकिता वर्मा झामुमो
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रांची, 19 मई 2025: झारखंड की सियासत में आज उस समय बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कार्यसमिति सदस्य अंकिता वर्मा ने पार्टी को अलविदा कहकर सैकड़ों महिला समर्थकों के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की सदस्यता ग्रहण कर ली। यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति में झटका माना जा रहा है, विशेषकर भाजपा के लिए जो आगामी चुनावों को लेकर जनाधार मजबूत करने में जुटी थी।

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शिबू सोरेन के मार्गदर्शन और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जताया विश्वास

रांची स्थित झामुमो के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी की संस्थापक संरक्षक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के मार्गदर्शन और झामुमो अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आस्था जताते हुए महिलाओं ने पार्टी की सदस्यता ली।

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झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने सभी को पार्टी की सदस्यता दिलाई और पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें झामुमो की जनसंवेदनशील नीतियों, सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और संगठनात्मक सिद्धांतों से अवगत कराया।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और महिला शक्ति का उदय

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पूर्व भाजपा नेत्री अंकिता वर्मा, जो लंबे समय से भाजपा संगठन में सक्रिय रही हैं, ने कहा कि “राज्य के सामाजिक, आर्थिक और महिला सशक्तिकरण के दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का नेतृत्व अधिक सक्षम और जनोन्मुखी है। भाजपा में महिलाओं की बात केवल मंचों तक सीमित रह गई है, जबकि झामुमो जमीनी स्तर पर काम करता है।”

उनके साथ झामुमो में शामिल होने वाली महिलाओं में रानी देवी, सरिता देवी, मधु देवी, सुधा देवी, अनीता देवी, बबीता देवी, लक्ष्मी देवी, आरती देवी, संगीता देवी, गुड़िया देवी, सरस्वती देवी, धंसरी देवी, मीना देवी, बिजली देवी, सीता देवी, बसंती देवी, सुनीता देवी, सुमन देवी, प्रीति देवी, पूजा देवी, ननकी देवी, किरण देवी, पिंकी देवी, गीता देवी, विक्की वर्मा एवं अन्य नाम शामिल हैं।

झामुमो के संगठनात्मक नेताओं की उपस्थिति और संदेश

इस अवसर पर झामुमो के कई वरिष्ठ नेता और संगठनात्मक पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। इनमें रांची जिला संयोजक प्रमुख मुस्ताक आलम, केंद्रीय सदस्य सह संयोजक मंडली सदस्य अश्विनी शर्मा, डॉ. हेमलाल मेहता, नयनतारा उरांव, संध्या गुड़िया और प्रदीप मिर्धा समेत कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

इन सभी नेताओं ने नवसदस्यों का अभिनंदन करते हुए आश्वस्त किया कि झामुमो में सभी को समान अवसर और सम्मान मिलेगा। साथ ही राज्य निर्माण और समावेशी विकास में महिलाओं की भागीदारी को और अधिक सशक्त किया जाएगा।

राजनीतिक विश्लेषण: भाजपा के लिए चिंता, झामुमो के लिए सियासी लाभ

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अंकिता वर्मा जैसी सक्रिय महिला नेता और उनके साथ जुड़ी सैकड़ों महिलाओं का झामुमो में शामिल होना भाजपा के लिए झटका है। यह दर्शाता है कि जमीनी कार्यकर्ता और महिला शक्ति अब नीतिगत स्थायित्व और नेतृत्व की दृढ़ता के आधार पर पार्टी बदल रही हैं।इससे झामुमो को न केवल महिला वोट बैंक में मजबूती मिलेगी, बल्कि आगामी नगर निकाय और विधानसभा चुनावों में संगठनात्मक प्रभाव भी बढ़ेगा।

इस सामूहिक राजनीतिक बदलाव से स्पष्ट है कि झारखंड की राजनीति में महिला मतदाताओं और कार्यकर्ताओं की भूमिका निर्णायक होती जा रही है। झामुमो इसे एक सामाजिक आंदोलन के रूप में देख रही है, जबकि भाजपा के लिए यह आत्ममंथन का समय है।

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