Apple के नए COO बने भारत के सबीह खान, मुरादाबाद से दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी तक का सफर

मुनादी डेस्क : भारत के टैलेंट की गूंज एक बार फिर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में सुनाई दी है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे दिग्गजों के बाद अब Apple ने भी भारतीय मूल के एक व्यक्ति को अपनी शीर्ष टीम में जगह दी है। Apple ने आधिकारिक रूप से सबीह खान को कंपनी का नया Chief Operating Officer (COO) नियुक्त किया है। वह जेफ विलियम्स की जगह लेंगे, जिन्होंने लंबे समय तक इस पद को संभाला और अब एक नियोजित उत्तराधिकार योजना के तहत यह जिम्मेदारी सबीह खान को सौंपी गई है।

मुरादाबाद से लेकर सिलिकॉन वैली तक का सफर
सबीह खान का जन्म वर्ष 1966 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में हुआ था। यह एक साधारण भारतीय शहर है, जो अपने पीतल उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन किसे पता था कि इसी शहर का एक बेटा एक दिन Apple जैसे वैश्विक ब्रांड की शीर्ष प्रबंधन टीम में शामिल होगा?
बचपन में ही उनका परिवार सिंगापुर चला गया और कुछ वर्षों बाद अमेरिका में बस गया। यह निर्णय शायद उनके जीवन की दिशा बदल देने वाला कदम था। अमेरिका में उन्होंने शिक्षा की ऊंचाइयों को छूआ और आज उसी मेहनत का नतीजा है कि वे Apple के COO जैसे जिम्मेदार पद पर आसीन होने जा रहे हैं।
शिक्षा में बेमिसाल योगदान
सबीह खान ने अमेरिका की प्रतिष्ठित Tufts University से इकोनॉमिक्स और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ड्यूल बैचलर डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने Rensselaer Polytechnic Institute (RPI) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। ये दोनों संस्थान अमेरिका की टॉप टेक्निकल यूनिवर्सिटीज में गिने जाते हैं। उनकी तकनीकी समझ और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें Apple जैसे संस्थान में ऊंचे ओहदे तक पहुंचा दिया।
Apple में सबीह खान की भूमिका
Apple ने 8 जुलाई को एक आधिकारिक बयान में सबीह खान को COO नियुक्त करने की घोषणा की। कंपनी ने कहा कि यह एक “लंबे समय से तय उत्तराधिकार योजना” का हिस्सा है। सबीह इस महीने के अंत तक अपना पदभार संभालेंगे। हालांकि जेफ विलियम्स अभी भी सीईओ टिम कुक को रिपोर्ट करेंगे और डिज़ाइन व Apple Watch टीम की निगरानी करेंगे। उनके रिटायर होने के बाद ये विभाग सीधे टिम कुक को रिपोर्ट करेंगे।

सबीह खान की नई भूमिका में मुख्य जिम्मेदारी Apple के ऑपरेशनल नेटवर्क, सप्लाई चेन, मैन्युफैक्चरिंग और दुनियाभर के प्रोडक्ट लॉजिस्टिक्स की निगरानी करना होगा। Apple जैसे विशाल ब्रांड में COO की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यही ऑपरेशन की रीढ़ होते हैं।


सैलरी और अन्य लाभ
Barron’s की एक रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा COO जेफ विलियम्स को बेस सैलरी के रूप में 1 मिलियन डॉलर (करीब 8 करोड़ रुपये) मिलते थे। बोनस और अन्य सुविधाएं जोड़ने के बाद यह सैलरी लगभग 23 मिलियन डॉलर (करीब 191 करोड़ रुपये) तक पहुंच जाती थी। सबीह खान की सैलरी भी इसी रेंज में होने की संभावना है, हालांकि Apple ने इस पर फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
भारतीय टैलेंट की वैश्विक पहचान
सबीह खान का यह प्रमोशन सिर्फ एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि उस भारतीय टैलेंट की मिसाल है, जिसे अब दुनियाभर की कंपनियां पहचानने लगी हैं। सत्य नडेला (Microsoft), सुंदर पिचाई (Google) और अब सबीह खान (Apple) — यह साबित करते हैं कि भारत में न केवल आइडिया है, बल्कि उसे लागू करने की नेतृत्व क्षमता भी मौजूद है।
Apple की छवि और नया नेतृत्व
Apple के इस निर्णय से यह भी संकेत मिलता है कि कंपनी विविधता (diversity) और वैश्विक टैलेंट को महत्व दे रही है। भारतीय मूल के लोगों की तकनीकी दक्षता और प्रबंधन क्षमता ने एक बार फिर वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ी है।
सबीह खान की नियुक्ति Apple जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड में COO के रूप में भारत के लिए गर्व की बात है। यह न केवल युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि कड़ी मेहनत, उच्च शिक्षा और नेतृत्व क्षमता के बल पर कोई भी दुनिया के किसी भी कोने में सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है।