झारखंड चुनाव 2024: भाजपा पर आदिवासी मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के लिए करोड़ों फूंकने का झामुमो का आरोप, गोंदा और रातु थाना में किया FIR दर्ज
रांची: झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के अनुसार एक चौंकाने वाली रिसर्च रिपोर्ट में भाजपा की राजनीति का काला चेहरा सामने आया है, जिसमें दावा किया गया है कि भाजपा ने झारखंड में आदिवासी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की छवि बिगाड़ने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा ने चुनाव से पहले एक बड़े छाया अभियान के तहत सोशल मीडिया पर झूठ और नफरत फैलाने के लिए कई छाया अकाउंट्स बनाए और आदिवासी पहचान को कमजोर करने का संगठित प्रयास किया।
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने मेटा और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डिजिटल प्रचार के नाम पर 2.49 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए। इसके अलावा, भाजपा से जुड़े 87 छाया पेजों ने 81.03 लाख रुपये खर्च किए और युद्ध स्तर पर आदिवासी मुख्यमंत्री को अपमानित करने वाली सामग्री फैलाई, जबकि चुनाव आयोग मूक दर्शक बना रहा। यह एक सुनियोजित साजिश है जिसमें भाजपा ने नफरत भरे विज्ञापनों के जरिए धार्मिक ध्रुवीकरण और साम्प्रदायिक जहर को हवा दी।
झामुमो के महासचिव विनोद कुमार पांडे ने भाजपा पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा में हिम्मत है तो सामने से लड़े, ये अंग्रेजों की तरह छिपकर वार क्यों कर रही है? कभी ईडी, कभी सीबीआई और अब करोड़ों रुपये खर्च कर मुख्यमंत्री की छवि खराब करने का गंदा खेल खेला जा रहा है। भाजपा ने पांच साल में राज्य में भुखमरी, बेरोजगारी और स्कूलों की बंदी को बढ़ावा दिया, अब ये षड्यंत्र झारखंड की जनता के खिलाफ है!”
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भाजपा ने सिर्फ तीन महीनों में झारखंड में शैडो पेजों के जरिए लाखों लोगों तक नफरती सामग्री पहुंचाई, जिसमें आदिवासी मुख्यमंत्री को अमानवीय दिखाने के लिए उन्हें सींग वाले चित्रों में प्रस्तुत किया गया। दलित सॉलिडेरिटी फोरम, इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल और अन्य संस्थाओं की रिपोर्ट ने मेटा जैसे प्लेटफॉर्म पर भाजपा की इस विभाजनकारी राजनीति का पर्दाफाश किया है।
झामुमो ने भारत निर्वाचन आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए भाजपा के षड्यंत्रों पर रोक लगाने और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की अपील की है