सीसीएल की आम्रपाली और बिरसा परियोजनाओं को मिला 5-स्टार अचीवर्स अवॉर्ड, खनन के साथ पर्यावरण संरक्षण का अनोखा संतुलन

रांची :सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) ने एक बार फिर अपनी उपलब्धियों से झारखंड का नाम रोशन किया है। कंपनी की दो प्रमुख परियोजनाएं – आम्रपाली ओपनकास्ट परियोजना (OCP) और बिरसा ओपनकास्ट परियोजना – को मुंबई में आयोजित एक भव्य समारोह में “5-स्टार अचीवर्स अवॉर्ड” से नवाज़ा गया। यह सम्मान भारत सरकार की ओर से उन खनन परियोजनाओं को दिया जाता है, जो उत्पादन क्षमता, सुरक्षा मानकों, पर्यावरण संरक्षण और सतत खनन प्रथाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं।

समारोह में मिला बड़ा सम्मान
इस अवसर पर सीसीएल के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह ने निदेशक (तकनीकी/संचालन) श्री चंद्र शेखर तिवारी और संबंधित क्षेत्रों के महाप्रबंधकों के साथ यह अवॉर्ड ग्रहण किया। समारोह में कोयला उद्योग से जुड़े कई बड़े चेहरे मौजूद थे। पुरस्कार वितरण भारत सरकार के कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे, कोयला सचिव श्री विक्रम देव दत्त और अतिरिक्त सचिव (कोयला) श्रीमती रुपिंदर बरार के हाथों हुआ। इस उपलब्धि ने न केवल सीसीएल का मनोबल बढ़ाया, बल्कि झारखंड की धरती पर संचालित खनन परियोजनाओं की अहमियत को भी देश के सामने रखा |
आम्रपाली और बिरसा परियोजनाओं का महत्व
झारखंड ऊर्जा उत्पादन और खनन गतिविधियों का केंद्र माना जाता है। इसमें सीसीएल की आम्रपाली और बिरसा परियोजनाएं विशेष स्थान रखती हैं। आम्रपाली परियोजना अपनी उच्च उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है।
वहीं बिरसा परियोजना खनन के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन और सुरक्षा मानकों के बेहतर पालन का उदाहरण है।
दोनों परियोजनाओं ने लगातार उत्पादन बढ़ाते हुए भी सुरक्षा और पर्यावरणीय मानकों पर समझौता नहीं किया, जो इन्हें 5-स्टार अचीवर्स की श्रेणी में लाता है।
ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक योगदान
सीसीएल भारत की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ है। यहां से निकला कोयला न सिर्फ थर्मल पावर प्लांट्स को ऊर्जा देता है, बल्कि देश के औद्योगिक विकास में भी अहम योगदान करता है। इसके साथ ही सीसीएल अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) कार्यक्रमों के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़क जैसी सुविधाओं पर भी निवेश करती है। इससे स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोज़गार मिलता है और क्षेत्रीय विकास को गति मिलती है।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयास
खनन परियोजनाओं पर अक्सर पर्यावरणीय नुकसान के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन सीसीएल ने इस क्षेत्र में भी उदाहरण पेश किया है।
- खनन के बाद रिक्लेमेशन कार्य
- वृक्षारोपण अभियान
- धूल और प्रदूषण नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक
- जल संरक्षण और पुन: उपयोग की व्यवस्थाएं
- ये सब पहलें सीसीएल को एक जिम्मेदार खनन कंपनी के रूप में पहचान दिलाती हैं।
- अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा

इस पुरस्कार के पीछे सीसीएल के अधिकारियों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत है। दिन-रात खदानों में काम करने वाले मजदूर और इंजीनियरों की मेहनत से ही कंपनी यह मुकाम हासिल कर पाई है।

सीसीएल प्रबंधन ने स्पष्ट कहा है कि आने वाले समय में कंपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को और मजबूती देगी।
भविष्य की दिशा
झारखंड जैसे राज्य में खनन गतिविधियां न केवल उद्योगों को ऊर्जा देती हैं बल्कि लाखों लोगों के जीवन को भी प्रभावित करती हैं। सीसीएल की यह उपलब्धि दिखाती है कि सतत विकास और ऊर्जा उत्पादन एक साथ संभव है।
“5-स्टार अचीवर्स अवॉर्ड” मिलना इस बात का संकेत है कि भारत जैसे विकासशील देश भी वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा दोनों में संतुलन बना सकते हैं।