घाटशिला उपचुनाव में बीजेपी का बिगुल—मरांडी बोले, झारखंड में भ्रष्टाचार की चरम सीमा
घाटशिला, झारखंड: झारखंड की राजनीति में इन दिनों उपचुनावों की गूंज है, और इसी क्रम में घाटशिला में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर रणनीतिक चर्चा की गई। बैठक में नेता प्रतिपक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के साथ-साथ कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी ने संकेत दिया कि बीजेपी इस उपचुनाव को किसी भी कीमत पर जीतने के मूड में है।
बैठक में उपस्थित नेताओं में राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बड़कुमर गगराई, सांसद विद्युत वरण महतो, पूर्व विधायक मेनका सरदार, और पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा था—घाटशिला उपचुनाव को हर हाल में जीतना और राज्य में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता के बीच मजबूत संदेश देना।
मरांडी का तीखा हमला — “झारखंड में भ्रष्टाचार चरम पर, जनता त्राहिमाम”
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “झारखंड आज दलाली, लूट और भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। अंचल कार्यालयों से लेकर सचिवालय तक घूसखोरी का बोलबाला है। बालू तस्करी खुलेआम चल रही है और सरकारी योजनाओं का पैसा दलालों की जेब में जा रहा है।”
मरांडी ने कहा कि जनता आज त्राहिमाम कर रही है। “सरकार के मंत्री, अधिकारी और दलाल एक साथ जनता का खून चूस रहे हैं। जनता अपने हक के लिए दर-दर भटक रही है। यह चुनाव सिर्फ घाटशिला के लिए नहीं, बल्कि पूरे झारखंड के सम्मान का प्रश्न है।”
“एकजुट होकर मैदान में उतरें कार्यकर्ता” — मरांडी का आह्वान
मरांडी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि “अब वक्त आ गया है कि हम सब एकजुट होकर इस भ्रष्ट सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बनें। प्रत्येक गांव, प्रत्येक बूथ तक हमें यह संदेश पहुंचाना होगा कि झारखंड को ईमानदार नेतृत्व चाहिए, न कि तस्करी और घोटालों से भरी सरकार।”
उन्होंने कहा कि जनता ने बदलाव का मन बना लिया है। अब बीजेपी के कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे घर-घर जाकर हेमंत सरकार की नाकामियों को उजागर करें। मरांडी ने कहा कि घाटशिला उपचुनाव केवल एक सीट नहीं, बल्कि झारखंड में सत्ता परिवर्तन की शुरुआत साबित होगी।
अदित्य साहू और बड़कुमर गगराई ने दी चुनावी रणनीति की रूपरेखा
राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने बैठक में संगठन को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर संगठित होकर जनता से सीधा संवाद बनाना होगा। “झारखंड में लोगों का भरोसा अब बीजेपी पर है। हमें यह दिखाना होगा कि केवल बीजेपी ही वह पार्टी है जो राज्य को विकास की राह पर वापस ला सकती है।”
पूर्व मंत्री बड़कुमर गगराई ने कहा कि घाटशिला का उपचुनाव भाजपा के लिए एक चुनौती नहीं बल्कि अवसर है। उन्होंने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता में गुस्सा है, बस जरूरत है उसे एक सही दिशा देने की।
भ्रष्टाचार, माइनिंग और बालू माफिया पर करारा प्रहार
बैठक के दौरान नेताओं ने राज्य में बढ़ते अवैध माइनिंग और बालू तस्करी को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकारी संरक्षण में माफियाओं का साम्राज्य फल-फूल रहा है। कई अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से सरकारी राजस्व को करोड़ों का नुकसान हो रहा है।
मरांडी ने कहा कि झारखंड में अगर कोई उद्योग सबसे तेज़ी से बढ़ा है, तो वह है—“भ्रष्टाचार उद्योग।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “यह सरकार गरीबों को रोजगार नहीं दे पा रही, लेकिन दलालों और बालू माफियाओं के लिए यह स्वर्ण युग साबित हो रही है।”
“जनता जवाब देगी” — मरांडी का चेतावनी भरा संदेश
मरांडी ने कहा कि बीजेपी जनता की आवाज बनकर मैदान में उतरेगी। उन्होंने कहा, “हेमंत सरकार को अब जनता का हिसाब देना होगा। घाटशिला की जनता बदलाव चाहती है। और जब जनता जागती है, तो सत्ता के तख्त हिल जाते हैं।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे हर वार्ड, हर पंचायत में जाकर जनसंवाद करें, और जनता को समझाएं कि राज्य के विकास के लिए साफ-सुथरी सरकार की कितनी जरूरत है।
घाटशिला की यह बैठक स्पष्ट रूप से झारखंड की सियासत में बीजेपी की आक्रामक वापसी का संकेत दे रही है। मरांडी के तेवरों से साफ है कि पार्टी अब सॉफ्ट मोड में नहीं, बल्कि मिशन मोड में है। भ्रष्टाचार, माइनिंग और दलाली के मुद्दे को केंद्र में रखकर बीजेपी आने वाले चुनावों में जनता का भरोसा जीतने की पूरी तैयारी में जुट चुकी है।