गोड्डा में विश्व युवा कौशल दिवस पर एआई और मेटावर्स पर केंद्रित कार्यशाला, छात्राओं को मिली भविष्य की तकनीक की सीख

छात्राओं ने सीखी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मेटावर्स की बारीकियाँ, अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर की पहल
गोड्डा, 16 जुलाई 2025: विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर, गोड्डा द्वारा एक अभिनव और शिक्षाप्रद कार्यशाला का आयोजन सुंदरपहाड़ी के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य फोकस रहा – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मेटावर्स, जो वर्तमान तकनीकी जगत में उभरते हुए सबसे प्रमुख और प्रभावशाली विषय हैं।

डिजिटल भविष्य की ओर पहला कदम
कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं को न केवल तकनीकी शिक्षा से जोड़ना था, बल्कि उन्हें डिजिटल आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करना भी था। इस कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने एआई की कार्यप्रणाली, मशीन लर्निंग की भूमिका, और मेटावर्स की अवधारणा जैसे तकनीकी विषयों को सरल भाषा में समझा। उन्हें यह भी बताया गया कि कैसे ये तकनीकें आने वाले समय में शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स, गेमिंग और अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करेंगी।

छात्राओं का उत्साह और सहभागिता
विद्यालय की सैकड़ों छात्राओं ने इस कार्यशाला में उत्साहपूर्वक भाग लिया। उनके चेहरों पर तकनीक के नए आयामों को समझने की जिज्ञासा और उल्लास स्पष्ट रूप से दिख रहा था। छात्राओं ने कार्यशाला को “एक जीवन बदलने वाला अनुभव” बताया, जिसमें उन्होंने न केवल नई जानकारियाँ हासिल कीं, बल्कि भविष्य की दिशा में अपने आत्मविश्वास को भी सशक्त किया।
मार्गदर्शकों का योगदान
कार्यशाला को सफल बनाने में अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर, गोड्डा के प्राचार्य श्री राम कोटेश्वर राव और उनकी टीम के सदस्यों – राहुल कुमार, सूरज कुमार और मृणाल चौधरी की अहम भूमिका रही। इन्होंने छात्राओं को AI और मेटावर्स से जुड़ी तकनीकी अवधारणाएं सरल और संवादात्मक तरीकों से समझाई। रियल-लाइफ उदाहरणों और डेमो के माध्यम से इन तकनीकों का वास्तविक दुनिया में उपयोग किस प्रकार होता है, यह भी दिखाया गया।
तकनीकी कौशल और आत्मनिर्भरता की ओर
अदाणी फाउंडेशन की यह पहल इस बात का साक्षात प्रमाण है कि वे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की छात्राओं को वैश्विक स्तर की तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित हैं। इस कार्यशाला ने न केवल छात्राओं को नयी तकनीकों से अवगत कराया, बल्कि उनमें टेक्नोलॉजी को अपनाने का आत्मविश्वास भी पैदा किया।

श्री राम कोटेश्वर राव ने कहा,

“हमारा प्रयास है कि गोड्डा जैसे अपेक्षाकृत दूरस्थ क्षेत्रों की छात्राएँ भी डिजिटल दुनिया से जुड़े और ग्लोबल मार्केट की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार हो सकें। AI और मेटावर्स जैसी तकनीकें अब भविष्य नहीं, वर्तमान का हिस्सा हैं।”
भविष्य के लिए तैयार होती छात्राएँ
AI और मेटावर्स की जानकारी प्राप्त कर छात्राओं में यह विश्वास जगा कि तकनीकी क्षेत्र केवल शहरी या लड़कों के लिए सीमित नहीं है। वे भी इस क्षेत्र में अपना मुकाम बना सकती हैं। कार्यशाला के अंत में कई छात्राओं ने कहा कि अब वे आगे चलकर AI इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, या मेटावर्स डिजाइनर बनने की दिशा में सोच रही हैं।
डिजिटल समावेशन की मिसाल
गोड्डा जैसे इलाके में इस प्रकार की कार्यशाला यह संकेत देती है कि डिजिटल समावेशन अब सिर्फ योजना नहीं, बल्कि वास्तविक धरातल पर अमल में है। अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर की यह पहल झारखंड जैसे राज्य में तकनीकी शिक्षा को नई दिशा और ऊर्जा दे रही है।
विश्व युवा कौशल दिवस पर गोड्डा में आयोजित यह कार्यशाला न केवल एक शैक्षिक पहल थी, बल्कि यह छात्राओं को वैश्विक तकनीकी मंच पर सशक्त नागरिक के रूप में खड़ा करने की दिशा में एक ठोस कदम भी था। AI और मेटावर्स जैसे विषयों से परिचय दिलाकर, उन्हें यह बताया गया कि अगर वे चाहें, तो आने वाले वर्षों में टेक्नोलॉजी की दुनिया में अपनी मजबूत पहचान बना सकती हैं।