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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विश्व बैंक प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात | मंईयां सम्मान योजना और ग्रामीण विकास की हुई सराहना

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से विश्व बैंक प्रतिनिधिमंडल की अहम मुलाकात | गरीबी उन्मूलन, ग्रामीण विकास और निवेश पर हुई विस्तार से चर्चा

नई दिल्ली: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आज नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन में विश्व बैंक के भारत स्थित कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस बैठक को झारखंड के लिए रणनीतिक और निवेश संभावनाओं की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान झारखंड में चल रही मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना और ग्रामीण विकास कार्यक्रमों की विश्व बैंक प्रतिनिधियों ने खुले दिल से सराहना की। वहीं मुख्यमंत्री ने भी राज्य में हो रहे बहुआयामी विकास कार्यों, निवेश के नए अवसरों और साझेदारी के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत दिए।

“मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” बनी चर्चा का केंद्र
बैठक के दौरान ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ को विशेष रूप से सराहा गया। यह योजना राज्य की गरीब, उपेक्षित और वृद्ध महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने इस योजना को “झारखंड की सामाजिक सुरक्षा और गरिमा-आधारित विकास की दिशा में बड़ा कदम” बताते हुए कहा –
“मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह योजना गरीबी उन्मूलन की दिशा में अनुकरणीय पहल है। इसमें राज्य की ज़मीनी हकीकत और मानवीय दृष्टिकोण साफ नजर आता है।”

मुख्यमंत्री ने रखा राज्य के विकास मॉडल का खाका
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा –

“झारखंड केवल खनिज संपदा का भंडार नहीं, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों, कृषि, पर्यटन, अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और ग्रामीण उत्पादन के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारा फोकस केवल विकास नहीं, बल्कि समानता, समावेश और सम्मान पर आधारित मॉडल तैयार करना है।”

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परियोजना-आधारित निवेश, स्वदेशी कौशल का उपयोग, और नवाचार आधारित योजनाएं बना रही है, ताकि आर्थिक प्रगति के साथ-साथ सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित किया जा सके।
विश्व बैंक की टीम ने साझा किया वैश्विक अनुभव
विश्व बैंक प्रतिनिधिमंडल ने झारखंड सरकार को भरोसा दिलाया कि वे राज्य की योजनाओं के डिजाइनिंग, प्रशिक्षण, और क्रियान्वयन मॉडल को मजबूत करने में तकनीकी व संस्थागत सहयोग देने को तैयार हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने भारत के अन्य राज्यों में विश्व बैंक द्वारा समर्थित योजनाओं की सफलता की कहानियां साझा करते हुए कहा कि झारखंड जैसे संभावनाशील राज्य को वैश्विक विशेषज्ञता और संसाधनों से जोड़ा जाना जरूरी है।
संयुक्त कार्यशाला और रांची में अगली बैठक की सहमति
बैठक में एक अहम फैसला यह भी लिया गया कि रांची में दोनों पक्षों के बीच एक संयुक्त चर्चा और कार्यशाला आयोजित की जाएगी। इसका उद्देश्य वास्तविक जरूरतों के अनुसार योजना निर्माण, साझा रणनीति और लाभार्थी केंद्रित मॉडल पर सहयोग को मजबूत करना होगा। इस कार्यशाला में राज्य सरकार के विभिन्न विभाग, नीति निर्माताओं के साथ-साथ विश्व बैंक के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।

झारखंड: विकास के नए युग की ओर
मुख्यमंत्री और विश्व बैंक प्रतिनिधियों के बीच यह संवाद बताता है कि झारखंड अब केवल प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित राज्य नहीं, बल्कि सामाजिक समावेश, गरीबी उन्मूलन और समग्र विकास के लिए एक नए रोल मॉडल के रूप में उभर रहा है।मुख्यमंत्री की नेतृत्व क्षमता और योजनाओं की पारदर्शिता को अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से जो समर्थन मिल रहा है, वह राज्य को वैश्विक निवेश के लिए भी अनुकूल बनाता है।
यह मुलाकात केवल एक औपचारिक शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि यह झारखंड और विश्व बैंक के बीच उभरते हुए भरोसे और साझेदारी की बुनियाद थी।
“मंईयां सम्मान योजना”, “ग्रामीण विकास”, “अक्षय ऊर्जा”, और “पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था” जैसे क्षेत्रों में विश्व बैंक की तकनीकी और वित्तीय भागीदारी से झारखंड की विकास यात्रा को निश्चित ही नया आयाम मिलेगा