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झारखंड का ‘अबुआ बजट’ आज होगा पेश

रांची: हेमंत सोरेन सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट आज पेश करेगी। राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ‘अबुआ बजट’ को विधानसभा में प्रस्तुत करेंगे। इस बजट से राज्य की आर्थिक दिशा और विकास योजनाओं का खाका तैयार होगा।

कल्याणकारी योजनाओं पर रहेगा जोर
सरकार इस बार ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण और कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष ध्यान दे सकती है। ‘मंईयां सम्मान योजना’ के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को प्रतिमाह ₹2,500 की आर्थिक सहायता देने के लिए 17,000 करोड़ रुपये का प्रावधान संभावित है। इससे महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी और राज्य में महिला कल्याण बजट का आकार पहले की तुलना में काफी बढ़ सकता है।

स्वास्थ्य सेवाओं का होगा विस्तार
बजट में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया जा सकता है। पीपीपी मोड के तहत पांच नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने की योजना बनाई गई है। इसके अलावा, रांची में एक नए मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की स्थापना की घोषणा भी हो सकती है। संभावित जिलों में धनबाद, देवघर, खूंटी, गिरिडीह और जामताड़ा शामिल हो सकते हैं। राज्य सरकार स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का भी विस्तार कर सकती है, जिससे सरकारी कर्मियों, पेंशनभोगियों, अधिवक्ताओं और शिक्षकों को लाभ मिलेगा।


शिक्षा में गुणवत्ता सुधार पर फोकस
सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार और स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठा सकती है। सरकारी स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम, शिक्षकों की भर्ती और छात्रवृत्ति योजनाओं का विस्तार इस बजट में शामिल हो सकता है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए भी अतिरिक्त फंडिंग की घोषणा संभव है।
आर्थिक विकास और राजस्व बढ़ोतरी की योजना
राज्य सरकार इस बार अपने राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के लिए सेस या अन्य शुल्कों में बदलाव कर सकती है। हालांकि, व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को राहत देने के लिए सरकार कुछ करों में छूट देने पर भी विचार कर सकती है।
क्या रहेगा खास?
- महिला सशक्तिकरण: ‘मंईयां सम्मान योजना’ के लिए बड़ा बजट प्रावधान।
- स्वास्थ्य सेवाएं: नए मेडिकल कॉलेज और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों की घोषणा।
- शिक्षा सुधार: डिजिटल क्लासरूम और स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार।
- आर्थिक विकास: राजस्व में वृद्धि के लिए नई योजनाओं पर फोकस।
- ग्रामीण विकास: पंचायतों और गांवों के लिए विशेष योजनाएं।
संभावित बजट आकार
पिछले वर्ष झारखंड का बजट करीब 1.28 लाख करोड़ रुपये का था। इस बार यह बढ़कर 1.50 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इस बढ़े हुए बजट से सरकार नई योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर अधिक खर्च करने की तैयारी में है।
नजरें टिकी रहेंगी सरकार के वादों पर
अबुआ बजट से जनता को काफी उम्मीदें हैं। खासतौर पर ग्रामीण और कमजोर तबकों के लिए योजनाओं के विस्तार की संभावना से यह बजट राज्य के विकास में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार अपने वादों पर कितनी खरी उतरती है।