करम पूजा 2025: कल्पना संग करम पूजा महोत्सव में शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन, करम डाली के समक्ष की पूजा

रांची: करम पर्व की धूम झारखंड भर में देखने को मिल रही है। इसी क्रम में रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस ब्लॉक स्थित आदिवासी छात्रावास परिसर में करम पूजा महोत्सव-2025 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं विधायक कल्पना सोरेन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। दोनों ने अखरा में स्थापित करम डाली के समक्ष विधिवत पूजा-अर्चना की और समस्त झारखंडवासियों के सुख, शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

परंपरा और संस्कृति को मजबूत करना हमारी जिम्मेदारी – सीएम हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि करम पर्व हमारी विशिष्ट संस्कृति, सभ्यता और जीवनशैली का प्रतीक है। उन्होंने कहा –
“हम सब इस धरती की परंपराओं और संस्कृति से बंधे हुए हैं। अलग-अलग वर्ग और समुदाय अपनी-अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ आगे बढ़ते हैं। करम पर्व सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, भाई-बहन के अटूट संबंध और प्रकृति के प्रति आस्था का पर्व है।”

हेमंत सोरेन ने यह भी कहा कि आज की पीढ़ी को इन परंपराओं से जोड़ना बेहद जरूरी है ताकि हमारी सांस्कृतिक धरोहर जीवित रहे और आने वाली पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेती रहें।
बहनों की आस्था और उत्साह का प्रतीक है करम पर्व
करम पूजा में महिलाओं और बहनों की विशेष भूमिका होती है। मुख्यमंत्री ने इस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर साल चाहे बारिश हो, तूफान हो या गर्मी, हमारी बहनें पूरे उत्साह और आस्था के साथ करम पूजा करती हैं। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध का भी उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि करम डाली प्रकृति, हरियाली और जीवन के संतुलन का प्रतीक है। इसी कारण आदिवासी समाज इसे पीढ़ी-दर-पीढ़ी संजोता आ रहा है।


करम पूजा का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
करम पर्व झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा समेत कई राज्यों में आदिवासी समाज द्वारा बड़े उत्साह से मनाया जाता है। इसे भाई-बहन के रिश्ते का पर्व भी कहा जाता है। बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। साथ ही यह पर्व कृषि, हरियाली और प्रकृति के संरक्षण का भी संदेश देता है।

रांची वीमेंस कॉलेज परिसर में आयोजित महोत्सव में पारंपरिक गीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। छात्र-छात्राओं ने अखरा में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर नृत्य प्रस्तुत कर करम पूजा को जीवंत बना दिया।
सीएम और विधायक की मौजूदगी से बढ़ा उत्साह
करम पूजा महोत्सव में सीएम हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन की मौजूदगी ने पूरे माहौल को और अधिक खास बना दिया। इस दौरान दोनों ने छात्रों और उपस्थित महिलाओं से बातचीत की और उन्हें पर्व की शुभकामनाएं दीं।

झारखंड सरकार लगातार आदिवासी और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। करम महोत्सव में मुख्यमंत्री की मौजूदगी इस संदेश को और मजबूत करती है कि सरकार परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
करम पूजा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि प्रकृति, भाई-बहन के रिश्ते और सामाजिक एकता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन की उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक खास बना दिया। यह पर्व झारखंड की सांस्कृतिक पहचान है, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी लोगों को जोड़ता आ रहा है।