कोचिंग संस्थानों की फर्जी उपलब्धियों का हो खुलासा, पारदर्शिता सुनिश्चित करने की उठी मांग — अजय राय

झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन
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झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से की कोचिंग गवर्नेंस फ्रेमवर्क बनाने की मांग

रांची,30 जून 2025: झारखंड में कोचिंग संस्थानों की बढ़ती अनियमितताओं और फर्जी सफलता दावों को लेकर झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार से सख्त नियम बनाने और जवाबदेही तय करने की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने प्रेस के माध्यम से बयान जारी कर कहा कि “शिक्षा के नाम पर गुमराह और ठगने का सिलसिला थमना चाहिए, अब झूठे विज्ञापन और भ्रामक प्रचार की जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।”

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फर्जी सफलता के दावे, अभिभावकों को भ्रम में डाल रहे संस्थान

श्री राय ने आरोप लगाया कि राज्य के कई नामचीन कोचिंग संस्थान प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने वाले छात्रों का नाम, फोटो और अंक बिना सत्यापन के अपने ब्रांड प्रचार में शामिल करते हैं। उन्होंने कहा कि “इनमें से कई छात्रों का संस्थान से कोई औपचारिक संबंध नहीं होता या उन्होंने केवल टेस्ट सीरीज़ जैसी सीमित सेवाएं ली होती हैं। फिर भी पूरे श्रेय का दावा कोचिंग संस्थान कर लेते हैं।”

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उन्होंने उदाहरणस्वरूप कहा कि पिछले वर्ष PASSWA (Private Schools and Children Welfare Association) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रायोजक गोल इंस्टीट्यूट और बायोम नामक कोचिंग संस्थान की भूमिका को लेकर विवाद उठा था, परंतु आज तक उन आरोपों की कोई पारदर्शी जांच नहीं हुई।

फर्जी प्रचार से शिक्षा की गुणवत्ता पर असर

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श्री राय ने कहा, “जब संस्थान भ्रामक प्रचार से छात्रों और अभिभावकों को आकर्षित करते हैं, तो यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी नहीं बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय भी है। झूठे दावों से पढ़ाई का असली मापदंड खो जाता है और शिक्षण की गुणवत्ता गिरती है।”

चार सूत्री मांगें रखीं झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन ने:

  1. कोचिंग रेगुलेशन फ्रेमवर्क: राज्य सरकार को कोचिंग संस्थानों की मान्यता, संचालन और मूल्यांकन के लिए स्पष्ट एवं कठोर नियमावली बनानी चाहिए।
  2. पारदर्शी डेटा प्रकाशन: प्रत्येक संस्थान को अपनी फैकल्टी प्रोफाइल, फीस ढांचा और परीक्षाफल की प्रामाणिक जानकारी अपने वेबसाइट और सार्वजनिक पोर्टल पर देना अनिवार्य किया जाए।
  3. फर्जी प्रचार पर कार्रवाई: झूठे विज्ञापन या सफल छात्रों के नाम का अनुचित उपयोग करने वाले संस्थानों पर कानूनी कार्रवाई हो।
  4. स्वतंत्र समीक्षा प्राधिकरण: एक स्वतंत्र एजेंसी या शिक्षा विभाग द्वारा हर वर्ष कोचिंग संस्थानों की समीक्षा की जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

राज्य सरकार से हुई अपील

अजय राय ने मुख्यमंत्री और राज्य शिक्षा मंत्री से अपील की कि कोचिंग संस्थानों को नियमन में लाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि “कोचिंग आज केवल शिक्षा नहीं, एक व्यवसाय और ब्रांड की होड़ बन गया है। लेकिन शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ अंकों की प्रतिस्पर्धा नहीं, ज्ञान, सोच और नैतिकता विकसित करना है।”

संघर्ष जारी रहेगा

अजय राय ने स्पष्ट किया कि झारखंड पेरेंट्स एसोसिएशन अभिभावकों की आवाज बनकर कार्य करेगा और राज्य में शिक्षा प्रणाली को पारदर्शी, उत्तरदायी और छात्र-केंद्रित बनाने के लिए आंदोलन करता रहेगा।

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