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पिरपैंती में बनेगा 2400 मेगावॉट थर्मल पावर प्लांट, अदाणी पावर करेगा 27 हज़ार करोड़ का निवेश

Adani Power will set up a 2400 MW thermal power plant in Pirpainti Adani Power will set up a 2400 MW thermal power plant in Pirpainti

बिहार की बिजली ज़रूरतों को पूरा करने और औद्योगिकीकरण को नई गति देने के लिए अदाणी पावर लगाएगा ग्रीनफील्ड थर्मल पावर प्लांट

25 साल तक राज्य को मिलेगी सस्ती और निर्बाध बिजली

Munadi Live Desk : बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। भागलपुर जिले के पिरपैंती में 2400 मेगावॉट क्षमता वाला ग्रीनफील्ड थर्मल पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना का ठेका अदाणी पावर लिमिटेड को मिला है। बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी ने यह ठेका उत्तर और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों की ओर से प्रदान किया है।

25 साल तक निर्बाध बिजली सप्लाई
अदाणी पावर लिमिटेड इस थर्मल पावर प्लांट से अगले 25 वर्षों तक बिहार को लगातार बिजली उपलब्ध कराएगा। इससे राज्य को न केवल ऊर्जा आपूर्ति में आत्मनिर्भरता हासिल होगी, बल्कि सस्ती बिजली की उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। कंपनी ने टैरिफ आधारित बोली में मात्र ₹6.075 प्रति यूनिट का ऑफर दिया है, जो इसे अन्य प्रतिस्पर्धियों की तुलना में अधिक किफायती बनाता है।

27 हज़ार करोड़ का निवेश और रोजगार
इस पावर प्रोजेक्ट के लिए अदाणी पावर करीब ₹27,000 करोड़ का बड़ा निवेश करने जा रही है। इस निवेश का सीधा असर राज्य की अर्थव्यवस्था और स्थानीय लोगों की आजीविका पर पड़ेगा।

  • निर्माण चरण में लगभग 10-12 हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
  • संचालन शुरू होने के बाद करीब 3 हज़ार स्थायी नौकरियां उपलब्ध होंगी।
  • यह प्रोजेक्ट बिहार के युवाओं के लिए रोज़गार का एक बड़ा अवसर लेकर आ रहा है।
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सीईओ का बयान

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अदाणी पावर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एस.बी. ख्यालिया ने कहा –
“पिरपैंती थर्मल पावर प्रोजेक्ट बिहार को सस्ती और निर्बाध बिजली उपलब्ध कराएगा। इसके साथ ही यह राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा और औद्योगिकीकरण की रफ्तार को तेज करेगा। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम बिहार जैसे उभरते राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।”

बिहार को क्या मिलेगा फायदा?
बिहार लंबे समय से बिजली संकट से जूझ रहा है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में राज्य ने ऊर्जा क्षेत्र में कई सुधार किए हैं, लेकिन अभी भी ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इस परियोजना से:

  1. राज्य को स्थायी और सस्ती बिजली की आपूर्ति मिलेगी।
  2. उद्योगों के लिए ऊर्जा संकट काफी हद तक खत्म होगा।
  3. नई कंपनियों और निवेश को आकर्षित करने का अवसर मिलेगा।
  4. रोजगार सृजन के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

भारत की ऊर्जा मांग और भविष्य

भारत की मौजूदा पीक बिजली डिमांड लगभग 250 गीगावॉट है, जो तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि:

  • 2032 तक यह मांग 400 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी।
  • 2047 तक यह मांग 700 गीगावॉट से ज्यादा हो सकती है।

इसी मांग को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने 2035 तक 100 गीगावॉट नई थर्मल क्षमता जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिरपैंती थर्मल पावर प्लांट इसी राष्ट्रीय रणनीति का हिस्सा है, जो न केवल बिहार बल्कि पूरे पूर्वी भारत के ऊर्जा परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है।

स्थानीय विकास को नई दिशा
पिरपैंती जैसे अपेक्षाकृत पिछड़े इलाके में इतना बड़ा औद्योगिक प्रोजेक्ट स्थापित होना वहां के सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को बदल देगा। सड़क, परिवहन और अन्य बुनियादी ढांचे का भी विकास होगा। स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचेगा।

पिरपैंती का 2400 मेगावॉट थर्मल पावर प्रोजेक्ट बिहार के लिए सिर्फ एक ऊर्जा परियोजना नहीं है, बल्कि यह राज्य की विकास यात्रा में एक मील का पत्थर साबित होगा। अदाणी पावर के इस बड़े निवेश से न केवल बिजली संकट कम होगा बल्कि रोजगार, उद्योग और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में भी राज्य को बड़ा फायदा मिलेगा।
बिहार जैसे ऊर्जा-आधारित विकास की राह पर अग्रसर राज्य के लिए यह प्रोजेक्ट आत्मनिर्भरता और औद्योगिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल कही जाएगी।

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