रामगढ़ में हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष की गिरफ्तारी से बवाल, भुरकुंडा थाना घिरा, विधायक धरने पर

निर्दोष को फंसाया गया, असली अपराधी आज़ाद घूम रहे हैं : रोशन लाल चौधरी
स्थानीय जनता ने पुलिस पर पक्षपात का लगाया आरोप
रामगढ़ से मुकेश सिंह की रिपोर्ट: रामगढ़ जिले के भुरकुंडा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को तब तनावपूर्ण माहौल बन गया जब पुलिस ने हिंदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष राजेश सिन्हा को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोगों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया और देखते ही देखते भुरकुंडा थाना परिसर के सामने धरना शुरू हो गया।

धरने में बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी भी शामिल हो गए। उन्होंने खुले तौर पर पुलिस की कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण बताया और कहा कि राजेश सिन्हा को साजिश के तहत फंसाया गया है।
गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि
दरअसल, यह पूरा मामला आफताब अंसारी नामक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसे हाल ही में एक आदिवासी महिला के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। लेकिन पूछताछ के दौरान वह थाने से फरार हो गया। इसके बाद जब परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया तो अगले ही दिन उसका शव दामोदर नदी से बरामद किया गया। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदलते हुए राजेश सिन्हा को साजिशकर्ता मानते हुए हिरासत में ले लिया। इस कदम से स्थानीय जनता भड़क उठी और भुरकुंडा थाना के बाहर धरना शुरू कर दिया।
जनता का आक्रोश और आरोप
धरने में शामिल लोगों का कहना है कि असली दोषी अफताब अंसारी और शमीम अंसारी हैं, जिनके खिलाफ पहले भी यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। लेकिन पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और instead, राजेश सिन्हा जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। स्थानीय लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि इस पूरे मामले में नेहा सिंह और शमीम अंसारी की साजिश है, जिन्होंने मिलकर झूठा मुकदमा दर्ज कराया है।
विधायक रोशन लाल चौधरी की प्रतिक्रिया

विधायक चौधरी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि:
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“राजेश सिन्हा जैसे सामाजिक कार्यकर्ता को साजिश के तहत फंसाया गया है। हमने स्पष्ट रूप से पुलिस से उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो जन आंदोलन होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाया जाएगा।
IG स्तर पर कार्रवाई, PK सिंह निलंबित
इस मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट PK सिंह को मामले में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। इससे साफ संकेत मिला कि प्रशासनिक स्तर पर भी इस घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है।
संभावित सांप्रदायिक तनाव
पुलिस की कार्रवाई और शव बरामदगी के बाद पोस्टमार्टम हाउस के बाहर तू-तू मैं-मैं की स्थिति बन गई है। यदि स्थिति को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह मामला गंभीर तनाव में भी बदल सकता है। प्रशासन ने किसी भी अनहोनी से बचने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी है और हालात पर नजर बनाए हुए है।
रामगढ़ में हिंदू जागरण मंच के नेता की गिरफ्तारी ने कानून व्यवस्था और पुलिस निष्पक्षता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर जनता और जनप्रतिनिधि इसे साजिश बता रहे हैं, वहीं पुलिस प्रशासन इसे उचित कार्रवाई बता रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक गरमी और बढ़ सकती है।
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