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हजारीबाग खासमहाल जमीन घोटाला: IAS विनय चौबे से पूछताछ

हजारीबाग में डीसी रहते कोर्ट आदेश की अनदेखी कर जमीन बेचने का आरोप, एसीबी ने रिमांड पर लेकर की पूछताछ
हजारीबाग खासमहाल जमीन घोटाला धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। इस बहुचर्चित मामले में निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे से एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने औपचारिक पूछताछ शुरू कर दी है। चौबे पहले से ही शराब घोटाले में निलंबित हैं और अब जमीन घोटाले में भी उनके खिलाफ गहन जांच चल रही है।

एसीबी को नहीं दे रहे पूरा सहयोग
एसीबी सूत्रों के अनुसार, रिमांड पर लिए गए विनय चौबे से जमीन घोटाले से संबंधित कई बिंदुओं पर सवाल पूछे गए। हालांकि उन्होंने किसी भी सवाल का संतोषजनक उत्तर नहीं दिया और एजेंसी के साथ पूरा सहयोग नहीं कर रहे हैं। एसीबी अब उनके जवाबों और दस्तावेजों को मिलाकर आगे की रणनीति बना रही है।
कैसे फंसे IAS विनय चौबे
हजारीबाग खासमहाल जमीन घोटाले की जांच के दौरान एसीबी को प्रथम दृष्टया यह साक्ष्य मिला था कि तत्कालीन डीसी विनय चौबे की भूमिका संदिग्ध रही है। एसीबी का आरोप है कि उनके कार्यकाल में ही कोर्ट के आदेश की अनदेखी करते हुए जमीन का अवैध हस्तांतरण हुआ।
घोटाले का पूरा मामला
मामला हीराबाग ट्रस्ट की जमीन से जुड़ा है। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया था कि यह जमीन किसी भी हालत में किसी और को ट्रांसफर नहीं की जा सकती। बावजूद इसके तत्कालीन डीसी रहते विनय चौबे ने पावर ऑफ अटॉर्नी और भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के आदेश का हवाला देते हुए लीज नवीकरण को मान्य कर दिया। इसके बाद हीराबाग ट्रस्ट की जमीन को 23 खरीदारों के नाम पर बेच दिया गया।
इस कार्रवाई से न केवल न्यायालय के आदेश की अवहेलना हुई, बल्कि ट्रस्ट की संपत्ति का भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।

एसीबी की सक्रियता
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसीबी ने विनय चौबे को आरोपी बनाया और मंगलवार को रिमांड पर लिया। रिमांड के दौरान उनसे पूछताछ बुधवार से शुरू हुई। अधिकारियों का कहना है कि पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्यों के सामने आने की संभावना है।

राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल
इस मामले ने झारखंड की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में हलचल मचा दी है। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि राज्य सरकार IAS अधिकारियों पर कार्रवाई करने में ढील बरत रही है। वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
जनता और जमीन से जुड़ा सवाल
हजारीबाग खासमहाल जमीन घोटाला केवल एक प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि यह जनता की आस्था और न्यायालय के आदेश से जुड़ा मामला भी है। इसलिए इस केस को लेकर लोगों की निगाहें एसीबी की कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।
आगे की राह
फिलहाल एसीबी विनय चौबे से लगातार पूछताछ कर रही है और उनके जवाबों का मिलान दस्तावेजों और कोर्ट रिकॉर्ड से किया जा रहा है। जांच एजेंसी का कहना है कि यदि जरूरी हुआ तो अन्य अधिकारियों और संबंधित लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।