देवघर की शिक्षिका श्वेता शर्मा को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

नई दिल्ली/देवघर: देवघर जिले के लिए शुक्रवार का दिन ऐतिहासिक रहा। देवघर के विवेकानंद मध्य विद्यालय की शिक्षिका श्वेता शर्मा को शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया।

बच्चों को पढ़ाने की अनूठी शैली बनी प्रेरणा
श्वेता शर्मा अपनी खास शिक्षण शैली “अबुआ जादुई पिटारा” के लिए जानी जाती हैं। उनकी इस अभिनव पद्धति ने बच्चों की पढ़ाई को रोचक और प्रभावशाली बना दिया है। ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले बच्चों को भी उन्होंने सरल तरीकों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी है। यही कारण है कि शिक्षा जगत में उनकी विशेष पहचान बनी है।
झारखंड से अकेली शिक्षिका को मिला सम्मान
इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए देशभर से 45 शिक्षकों का चयन किया गया था, जिनमें से झारखंड से केवल श्वेता शर्मा को चुना गया। यह राज्य के लिए भी गर्व का क्षण है।
नकद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के तहत उन्हें 50,000 रुपये की नकद राशि, रजत पदक और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। सम्मान ग्रहण करने के बाद श्वेता शर्मा ने कहा—
“यह सम्मान मेरे लिए गर्व का क्षण है। अब मेरी जिम्मेदारी दोगुनी हो गई है। मैं शिक्षा की गुणवत्ता को और ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए निरंतर प्रयास करती रहूंगी।”

प्रतिबद्धता और परिश्रम का परिणाम
श्वेता शर्मा की सफलता की कहानी इस बात का प्रमाण है कि लगन और समर्पण से किसी भी क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं। बच्चों को पढ़ाने की उनकी प्रतिबद्धता और नई सोच ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है।

राष्ट्रपति ने दिया संदेश
समारोह के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि शिक्षक समाज के मार्गदर्शक होते हैं और शिक्षा ही भविष्य को सही दिशा देती है। उन्होंने देशभर के शिक्षकों से आह्वान किया कि वे बच्चों में नवाचार, नैतिकता और संस्कारों की नींव मजबूत करें।