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रातू अंचल में 5.19 एकड़ जमीन की गड़बड़ी पर रांची डीसी सख्त, दिए जांच के आदेश

वन भूमि को जनरल प्लॉट में तब्दील करने के मामले में एसडीएम को सौंपी गई जांच, कांके सीओ पर भी लगे गंभीर आरोप
रिपोर्ट : अमित
रांची, 17 मई 2025 : रांची जिले के रातू अंचल में 5.19 एकड़ जमीन से जुड़ी गड़बड़ी के मामले ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। प्राप्त सूचना के अनुसार यह जमीन वन भूमि के रूप में चिह्नित है, जिसे जनरल प्लॉट के रूप में दर्ज कर दिया गया है। इस गंभीर अनियमितता को लेकर रांची उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) को जांच का आदेश दिया है और जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

जिला प्रशासन सतर्क, गड़बड़ी पर तुरंत संज्ञान
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भूमि प्रबंधन में किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वन भूमि को आम रैयती भूमि में तब्दील कर बेचे जाने या उसका गलत इस्तेमाल किए जाने की आशंका के चलते इस मामले को प्राथमिकता पर लिया गया है।

कांके सीओ जयकुमार राम पर भी आरोप, दोहरी जमाबंदी का मामला
इसी कड़ी में एक नया आरोप कांके अंचलाधिकारी जयकुमार राम पर भी सामने आया है। पिठौरिया निवासी मुस्तफा अंसारी ने उपायुक्त को शिकायत पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया है कि सीओ ने निजी स्वार्थ में दोहरी जमाबंदी (Double Registration) की है। उन्होंने शिकायत में यह भी कहा कि इससे संबंधित दस्तावेज और प्रमाण उपलब्ध हैं।


डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है और उक्त आरोपों की जांच भी एसडीएम रांची को सौंपी है। उन्होंने निर्देश दिया है कि तथ्यों की गहराई से जांच कर जिम्मेदारों पर स्पष्ट कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन की सक्रियता: पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में कदम
इन दोनों मामलों को लेकर जिला प्रशासन ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि भूमि विवाद, अतिक्रमण और धोखाधड़ी जैसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। उपायुक्त स्वयं व्यक्तिगत रूप से इन मामलों की निगरानी कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों या कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है।
रांची जिले में भूमि प्रबंधन से जुड़े मामलों में आई शिकायतों पर प्रशासन ने तत्परता दिखाई है। डीसी मंजूनाथ भजंत्री द्वारा लिए गए त्वरित निर्णय न केवल प्रशासन की सजगता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संकेत देते हैं कि अब जमीन माफिया और लापरवाह पदाधिकारियों के लिए कोई जगह नहीं है।