झारखंड राजस्व विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, शिव शंकर पांडे बने रांची सीओ, अमित भगत को कांके और नितिन गुप्ता को अरगोड़ा की जिम्मेदारी

रांची/झारखंड: झारखंड सरकार ने सोमवार को राजस्व और भूमि सुधार विभाग में बड़े पैमाने पर प्रशासनिक करते हुए राज्यभर में अंचल अधिकारियों और सर्किल ऑफिसरों के तबादले कर दिए हैं। इस तबादले में रांची जिले के प्रमुख अंचलों सहित अन्य जिलों के भी सीओ को बदला गया है। इस बदलाव को विभागीय दक्षता और जमीन विवादों के तेजी से निपटारे की दिशा में उठाया गया अहम कदम माना जा रहा है।

फेरबदल की अधिसूचना राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जारी की गई है, जिसमें दर्जनों अधिकारियों की नियुक्तियाँ और स्थानांतरण को मंजूरी दी गई है।
शिव शंकर पांडे बने रांची सिटी सीओ
इस फेरबदल में सबसे महत्वपूर्ण नाम शिव शंकर पांडे का है जिन्हें रांची नगर क्षेत्र का नया सिटी सीओ (Circle Officer) बनाया गया है। शिव शंकर पांडे को जमीन विवादों के निपटारे में अनुभवी अधिकारी माना जाता है। उनकी नियुक्ति से राजधानी में ज़मीनी मामलों से संबंधित प्रशासनिक गति तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अमित भगत को सौंपी गई कांके की कमान
राजस्व विभाग ने अमित भगत को कांके अंचल का नया अंचल अधिकारी नियुक्त किया है। कांके क्षेत्र में जमीन के मुआवजे, अतिक्रमण और भूमि उपयोग से जुड़े मामलों में लगातार जटिलताएं रही हैं। अमित भगत की छवि एक सख्त लेकिन संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी की रही है, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।
नितिन शिवम गुप्ता बने अरगोड़ा अंचल अधिकारी
नितिन शिवम गुप्ता को अरगोड़ा अंचल का नया अंचल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह क्षेत्र रांची के शहरी विस्तार के केंद्र में आता है, जहां जमीन के रजिस्ट्रेशन, रसीद, दाखिल-खारिज और मकान निर्माण से जुड़े मामलों की भरमार रहती है। नितिन गुप्ता को तेज और पारदर्शी कामकाज के लिए जाना जाता है।

कई अन्य अंचल अधिकारियों का भी तबादला
इस फेरबदल में राज्य के अन्य जिलों जैसे धनबाद, हजारीबाग, जमशेदपुर, गिरिडीह, लोहरदगा, पलामू और साहिबगंज के भी अंचल अधिकारियों का तबादला किया गया है। कई स्थानों पर लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ अधिकारियों को हटाकर नई तैनाती दी गई है।

राजस्व विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह फेरबदल विभागीय समीक्षा और प्रशासनिक आवश्यकता के आधार पर किया गया है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे तत्काल प्रभाव से नए स्थान पर योगदान करें और लंबित कार्यों का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करें।

सरकार की मंशा – “भूमि व्यवस्था में पारदर्शिता और जनता को राहत”
भूमि सुधार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल के महीनों में बढ़ते ज़मीन विवाद, दाखिल-खारिज की शिकायतें, जमीन माफिया की गतिविधियाँ और भ्रष्टाचार के आरोपों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा,
“जनता को तेजी से और पारदर्शी तरीके से ज़मीनी मामलों में राहत मिले, इसके लिए अनुभवी और जवाबदेह अधिकारियों को तैनात किया गया है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया और आम जनता की उम्मीदें
हालांकि फेरबदल को सरकार की नियमित प्रक्रिया बताया गया है, लेकिन विपक्षी दलों ने इसपर सवाल भी खड़े किए हैं। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि यह फेरबदल राजनीतिक आधार पर किया गया है और इससे कई ईमानदार अधिकारियों को हटाया गया है।
वहीं, स्थानीय नागरिकों ने उम्मीद जताई है कि नए अधिकारियों की तैनाती से दाखिल-खारिज, भूमि रसीद, अतिक्रमण हटाने और सीमांकन जैसे मामलों में तेजी आएगी। रांची के रहने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा,
“हमें उम्मीद है कि नए सीओ और अंचल अधिकारी आम जनता की सुनवाई करेंगे और बिचौलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”