शिबू सोरेन के निधन पर डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने जताया गहरा शोक, कहा– झारखंड की राजनीति के एक युग का हुआ अंत

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रांची/नई दिल्ली : झारखंड की राजनीति के सबसे बड़े पुरोधा, झारखंड आंदोलन के नायक और पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर देशभर में शोक की लहर फैल गई है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने गहरा दुख प्रकट करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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उन्होंने अपने आधिकारिक शोक संदेश में कहा कि–

“शिबू सोरेन जी का संपूर्ण जीवन आदिवासी समाज, गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों के हक और हकूक के लिए संघर्षरत रहा। उन्होंने झारखंड के निर्माण में जो ऐतिहासिक योगदान दिया, वह आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करेगा।”

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एक युग का अंत – झारखंड की आत्मा मौन
डॉ. वर्मा ने कहा कि गुरुजी के निधन से झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है। उन्होंने जिस संघर्ष से झारखंडी अस्मिता को पहचान दिलाई, वह राजनीति से परे एक जनांदोलन की तरह था।

“उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में न केवल नेतृत्व का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया, बल्कि जनसेवा को केंद्र में रखकर कार्य किया।”

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राज्यसभा सांसद ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक और झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके शिबू सोरेन के निधन को “राजनीतिक विरासत की अपूरणीय क्षति” बताया।

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भाजपा की ओर से श्रद्धांजलि और संवेदना
भाजपा की ओर से भी इस दुखद घड़ी में शिबू सोरेन के परिवार और झारखंड मुक्ति मोर्चा को शोक संवेदना प्रकट की गई है।

डॉ. वर्मा ने कहा कि—

“हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे पुण्यात्मा को चिरशांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिवार को इस असहनीय क्षति को सहने की शक्ति दें।”

राजकीय शोक के बीच श्रद्धांजलियों का दौर
राज्य सरकार ने शिबू सोरेन के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित कर दिया है। रांची सहित पूरे राज्य में झंडे आधे झुके हुए हैं और सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। राजनीतिक, सामाजिक और साहित्यिक हलकों में भी गुरुजी के निधन को गहरी क्षति के रूप में देखा जा रहा है|

शिबू सोरेन के जाने से झारखंड ने एक विचारधारा, एक संघर्षशील आत्मा और एक संवेदनशील नेतृत्वकर्ता को खो दिया है।
उनकी स्मृतियां न केवल राजनैतिक इतिहास में दर्ज रहेंगी, बल्कि हर झारखंडी नागरिक के दिल में जीवित रहेंगी।

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