गोड्डा के ग्रामीणों के लिए अदाणी फाउंडेशन की मोबाइल मेडिकल वैन बनी जीवन रेखा, रोजाना सैकड़ों मरीजों को मिल रही मुफ्त सेवा

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गोड्डा, महागामा, बोआरीजोर सहित 100 से अधिक गांवों में हर दिन 200 से अधिक मरीजों को मिल रही मुफ्त इलाज और दवाएं

रिपोर्ट : अमित
गोड्डा: झारखंड के सुदूरवर्ती इलाकों में जहां डॉक्टर और दवा पहुंचना एक सपना लगता था, वहीं अदाणी फाउंडेशन की मोबाइल मेडिकल वैन अब जीवनदायिनी सेवा बन चुकी है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत संचालित यह पहल गोड्डा जिले के पोडैयाहाट, महागामा, ठाकुरगंगटी, बोआरीजोर और साहेबगंज सदर के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवा की क्रांति लेकर आई है।

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हर दिन 200 से 250 मरीजों को मिल रही चिकित्सा सेवा
यह मोबाइल वैन एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक रजिस्ट्रेशन सहायक के साथ हर दिन अलग-अलग गांवों में पहुंचती है। यहाँ आने वाले मरीजों की बीपी, शुगर, बुखार, त्वचा रोग, महिलाओं की समस्याएं और बच्चों की सामान्य बीमारियों की जांच की जाती है, और निःशुल्क दवाएं भी दी जाती हैं।

आंकड़े बता रहे बदलाव की कहानी
हर दिन करीब 200 से 250 मरीजों को सेवा देने वाली यह वैन न केवल इलाज कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य जागरूकता भी फैला रही है। ग्रामीणों को स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाने के लिए समय-समय पर विशेष स्वास्थ्य शिविर, नेत्र जांच, टीकाकरण और महिला स्वास्थ्य परीक्षण भी आयोजित किए जाते हैं।

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ग्रामीणों की ज़ुबानी: पहले शहर जाना पड़ता था, अब इलाज गांव में

“पहले बच्चों को बुखार हो जाता था तो हमें 20-25 किलोमीटर दूर अस्पताल जाना पड़ता था। अब डॉक्टर और दवा हमारे गांव में उपलब्ध हो रही है। बहुत राहत मिली है।” – बासकी सोरेन

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इसी तरह महागामा की मीना देवी बताती हैं,

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“महिलाओं की समस्याओं को लेकर अब हमें शर्म नहीं आती क्योंकि महिला डॉक्टर गांव में आकर सुनती हैं और इलाज करती हैं।” -मीना देवी

रूट चार्ट से हो रही सेवा की प्रभावी निगरानी
अदाणी फाउंडेशन की टीम ने सभी गांवों का सर्वे कर रूट चार्ट बनाया है, जिससे हर हफ्ते तय समय पर वैन गांवों में पहुंचती है। इससे मरीजों को पूर्व जानकारी रहती है और वे समय पर चिकित्सा सेवा ले पाते हैं।

स्वास्थ्य के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण
यह सेवा केवल इलाज तक सीमित नहीं है। वैन के माध्यम से स्वास्थ्य शिक्षा, पोषण जागरूकता और व्यक्तिगत स्वच्छता पर भी जोर दिया जाता है। विशेषकर महिलाओं और किशोरियों के बीच माहवारी स्वच्छता और टीकाकरण पर फोकस किया गया है।

CSR का आदर्श मॉडल बनी अदाणी फाउंडेशन की यह पहल
गांवों में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की सीमाएं पहले से ही स्पष्ट हैं। ऐसे में अदाणी पावर द्वारा संचालित यह मेडिकल वैन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा का एक आदर्श CSR मॉडल बनकर उभरा है, जो न सिर्फ जीवन बचा रहा है बल्कि स्वास्थ्य संस्कृति को भी मजबूत बना रहा है।

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अदाणी फाउंडेशन की मोबाइल मेडिकल वैन गोड्डा के लिए सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि जीवन की दिशा बदलने वाली पहल है। यह ग्रामीण झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की नई परिभाषा गढ़ रही है और अन्य कॉरपोरेट्स के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बन रही है। जब तक हर गांव तक स्वास्थ्य सेवा नहीं पहुंचेगी, तब तक ‘विकास’ अधूरा रहेगा — और इस अधूरे हिस्से को भरने में अदाणी फाउंडेशन ने बड़ी भूमिका निभाई है।

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