IICM में गोल्डन जुबिली व्याख्यानमाला: मिथकशास्त्री देवदत्त पट्टनायक ने “आधुनिक विश्व में मिथकों की प्रासंगिकता” पर दिया प्रेरणादायक व्याख्यान

आईआईसीएम रांची कार्यक्रम
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रांची: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेंट (IICM), रांची ने कोल इंडिया लिमिटेड के स्वर्ण जयंती वर्ष समारोह की श्रृंखला में एक ऐतिहासिक आयोजन करते हुए “गोल्डन जुबिली व्याख्यानमाला” के अंतर्गत एक विशेष सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस सत्र में देश के प्रख्यात मिथकशास्त्री, लेखक और नेतृत्व सलाहकार देवदत्त पट्टनायक ने “आधुनिक विश्व में मिथकों की प्रासंगिकता” विषय पर विचारोत्तेजक और ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया।

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कार्यक्रम की भव्य शुरुआत:
सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें सीसीएल के निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र , मुख्य सतर्कता अधिकारी (CVO) पंकज कुमार, IICM की कार्यपालक निदेशक कामाक्षी रमन ने भाग लिया। इसके बाद कोल इंडिया का कॉर्पोरेट गीत और आईआईसीएम का थीम सॉन्ग प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे कार्यक्रम में एक प्रेरणादायक ऊर्जा का संचार किया।

देवदत्त पट्टनायक का व्याख्यान:
श्री पट्टनायक ने प्राचीन भारतीय मिथकों की कालातीत शिक्षा को आधुनिक नेतृत्व, प्रबंधन कौशल और व्यक्तिगत विकास से प्रभावी ढंग से जोड़ा। उन्होंने अपनी विशिष्ट कथा शैली से यह समझाया कि किस प्रकार मिथक आज भी संगठनात्मक संस्कृति, नेतृत्व व्यवहार और सामाजिक संरचनाओं को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी रोचक कहानियों और गहन अंतर्दृष्टियों ने न केवल उपस्थित अधिकारियों को मंत्रमुग्ध किया, बल्कि उन्हें आज की जटिल वैश्विक परिस्थितियों में भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रासंगिक पक्षों पर विचार करने को भी प्रेरित किया।

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विशेष उपस्थिति:
इस अवसर पर सीसीएल, सीएमपीडीआईएल, आईआईसीएम और कोल इंडिया मुख्यालय से बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी, संकाय सदस्य, कर्मचारी और अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट सीसीएल के संगम कन्वेंशन हॉल में भी किया गया, जहां सैकड़ों अधिकारियों और कर्मचारियों ने सत्र में भाग लिया।

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सार्थक प्रश्नोत्तर सत्र:
सत्र के अंत में एक संवादात्मक प्रश्नोत्तर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने नेतृत्व, प्रबंधन, संगठनात्मक व्यवहार और सामाजिक विकास से जुड़े विभिन्न प्रश्न पूछे। श्री पट्टनायक ने धैर्यपूर्वक और सरलता से सभी प्रश्नों का उत्तर दिया, जिससे सत्र अत्यंत ज्ञानवर्धक और प्रेरक बन गया।

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गोल्डन जुबिली व्याख्यानमाला का महत्व:
गोल्डन जुबिली व्याख्यानमाला का उद्देश्य कोल इंडिया परिवार को विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित विचारकों, विशेषज्ञों और प्रेरक व्यक्तित्वों से साक्षात्कार कराना है, ताकि संगठनात्मक विकास, नवाचार और नेतृत्व क्षमताओं को नई दिशा दी जा सके। यह कार्यक्रम स्वर्ण जयंती वर्ष के आयोजनों की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो ज्ञान, प्रेरणा और समर्पण का उत्सव है।

सत्र का समापन गर्मजोशी से भरे धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें आईआईसीएम ने देवदत्त पट्टनायक के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रतिभागियों ने इस आयोजन को अत्यंत उपयोगी, विचारशील और प्रेरक बताते हुए इसकी भूरी-भूरी प्रशंसा की।

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