बोकारो में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य, जनजातीय अधिकारों को लेकर जताई गहरी चिंता

बोकारो: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा अपने दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को बोकारो पहुंचीं। दौरे के पहले दिन उन्होंने सर्किट हाउस में जनजातीय समाज के लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। बैठक में वन अधिकार, सरना स्थल, ट्राइबल फंड, विस्थापन और मुआवजा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।

जनजातीय प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष बताया कि आज भी उन्हें सामूहिक और व्यक्तिगत वन पट्टों से वंचित रखा गया है। वहीं कई सरना स्थलों पर कंपनियों द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है। इसके अलावा आदिवासी इलाकों में विकास की भारी कमी की भी शिकायतें सामने आईं।
सदस्या आशा लकड़ा ने पंचायत प्रतिनिधियों से ट्राइबल फंड की स्थिति जाननी चाही, लेकिन अधिकांश प्रतिनिधियों ने इससे अनभिज्ञता जताई। उन्होंने इसे बेहद गंभीर विषय बताते हुए कहा कि यह स्पष्ट करता है कि ग्राम सभाएं प्रभावी ढंग से नहीं हो पा रही हैं, जो चिंताजनक है।

बोकारो स्टील सहित अन्य औद्योगिक परियोजनाओं में विस्थापित हुए आदिवासियों ने आयोग को बताया कि उन्हें आज तक न मुआवजा मिला है, न ही नियोजन। इस पर आशा लकड़ा ने भरोसा दिलाया कि सभी मुद्दों को एक विस्तृत रिपोर्ट के रूप में जिला प्रशासन से संकलित कर आयोग को सौंपने का निर्देश दिया जाएगा, ताकि मूल्यांकन कर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।