रांची मोराबादी में देर रात चला बुलडोज़र, दुकानदारों में फूटा ग़ुस्सा, सड़क पर बिखरा रोज़गार

रांची: राजधानी रांची के मोराबादी मैदान में बुधवार देर रात नगर निगम और प्रशासन की टीम ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की — लेकिन यह कार्रवाई स्थानीय दुकानदारों के लिए किसी काले तूफान से कम नहीं रही।
जहां एक ओर दुकानदारों का विरोध रात में भी जारी रहा, वहीं गुरुवार सुबह तक आक्रोश की लपटें शांत नहीं हुईं।

सैकड़ों छोटे दुकानदारों की दुकानें, उनकी मेहनत, उनका सामान — सबकुछ देखते ही देखते बुलडोज़र की ज़द में आ गया। दुकानें टूटी, सामान सड़क पर बिखर गया और साथ ही बिखर गया आम लोगों का सपना। दुकानदारों का आरोप है कि बिना कोई पूर्व सूचना दिए अचानक कार्रवाई कर दी गई।

स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि
हम यहीं से अपने बच्चों का पेट पालते हैं… रात में अचानक आकर सब तोड़ दिए… सामान तक नहीं निकालने दिया गया। क्या हम इंसान नहीं हैं?”

प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई वर्षों से किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए की गई थी, लेकिन सवाल उठ रहा है — क्या रात के अंधेरे में रोज़गार उजाड़ना ही समाधान है?
जिन्होंने अपनी ज़िंदगी की गाढ़ी कमाई से ये दुकानें खड़ी कीं, उनके लिए अब आगे क्या?
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