रांची की महिला ने डुमरी विधायक जयराम महतो पर लगाया अपमान और मानहानि का आरोप, अरगोड़ा थाना में दर्ज हुआ केस

Jayaram Mahato Defamation Case
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रांची, 9 जुलाई 2025: राजधानी रांची में एक महिला द्वारा डुमरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयराम महतो समेत तीन लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मानहानि और अश्लील भाषा के प्रयोग को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए अरगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। शिकायत के अनुसार यह मामला न केवल साइबर अपराध से जुड़ा है, बल्कि एक महिला की गरिमा और व्यक्तिगत सम्मान पर सीधा हमला भी है।

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शिकायतकर्ता महिला हरमू हाउसिंग कॉलोनी की निवासी है। उनके मुताबिक, जेएलकेएम (Jharkhand Loktantrik Krantikari Morcha) पार्टी से जुड़े यूट्यूब चैनलों के माध्यम से उनके खिलाफ अश्लील भाषा, झूठे आरोप और गाली-गलौज की जा रही है। महिला का दावा है कि यह सबकुछ विधायक जयराम महतो के इशारे पर किया गया।

दर्ज प्राथमिकी में रामगढ़ जिले के गोला थाना क्षेत्र के निवासी उत्तम कुमार महतो और बिट्टू सिंह को भी नामजद आरोपी बनाया गया है। शिकायत के अनुसार, बिट्टू सिंह ने यूट्यूब पर महिला का नाम लेकर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें अशोभनीय और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया।

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महिला का आरोप है कि यह वीडियो पूर्व नियोजित तरीके से बनाया गया, ताकि उन्हें समाज में अपमानित किया जा सके और पुराने केस को वापस लेने का दबाव बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि विधायक पूर्व में भी केस हटाने के लिए दबाव बना चुके हैं, और मना करने पर अब सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें टारगेट किया जा रहा है।

महिला ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा कि, “मैंने कानून का सहारा लेकर न्याय मांगा, लेकिन अब मुझे ही जलील किया जा रहा है। मुझे डराया-धमकाया जा रहा है ताकि मैं न्याय की मांग से पीछे हट जाऊं।”

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इस मामले में अरगोड़ा थाना पुलिस ने आईटी एक्ट, महिला अपमान, मानहानि, और आपराधिक षड्यंत्र जैसी धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यूट्यूब वीडियो की डिजिटल फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है, साथ ही मामले की तह तक जाने के लिए सभी आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

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फिलहाल विधायक जयराम महतो की ओर से कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, यह मामला राजनीतिक हलकों में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है, और सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं।

पुलिस का कहना है कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। पीड़िता को सुरक्षा भी मुहैया कराई जा सकती है, यदि खतरे की कोई ठोस सूचना सामने आती है।

यह मामला न केवल सोशल मीडिया के दुरुपयोग का उदाहरण बनकर सामने आया है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सत्ता और प्रभाव का उपयोग व्यक्तिगत प्रतिष्ठा पर हमला करने के लिए किस तरह किया जा सकता है।

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