नई दिल्ली :झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यसभा सांसद एवं दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। सर गंगाराम अस्पताल में उनके पार्थिव शरीर पर आज देश के शीर्ष नेतृत्व ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, स्वयं अस्पताल पहुंचीं और उन्होंने माल्यार्पण कर दिवंगत नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक कल्पना सोरेन और अन्य परिजनों से मिलकर गहरी संवेदना व्यक्त की और ईश्वर से इस कठिन समय में उन्हें संबल प्रदान करने की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हुए श्रद्धांजलि में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुरुवार को सर गंगाराम अस्पताल पहुंचकर दिवंगत शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा:
“शिबू सोरेन जी का जीवन आदिवासी समाज की सेवा, संघर्ष और न्याय के लिए समर्पित रहा। वे झारखंड के गौरव थे और रहेंगे। उनके योगदान को देश कभी नहीं भुला सकता।”
कांग्रेस नेतृत्व भी पहुँचा श्रद्धांजलि देने
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी धर्मपत्नी विधायक कल्पना सोरेन से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की।
राहुल गांधी ने कहा:
“दिशोम गुरु एक युगद्रष्टा नेता थे, जिन्होंने आदिवासी समाज की आवाज को संसद से सड़कों तक बुलंद किया।”
राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय और कांग्रेस मुख्यालय की ओर से औपचारिक शोक-संदेश जारी किए गए हैं।
राजनीति के गुरुजी — जनसंघर्ष से संसद तक का सफर, शिबू सोरेन झारखंड आंदोलन के प्रतीक रहे, तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री और कई बार केंद्रीय मंत्री रहे, आदिवासी अधिकारों, जमीन सुरक्षा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक अध्यक्ष और देश के पहले आदिवासी आंदोलनकारी नेताओं में से एक,शिक्षा और सामाजिक न्याय के प्रबल पक्षधर|
शिबू सोरेन जी की अंतिम यात्रा की तैयारियां चल रही हैं। रांची में उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। इस अंतिम विदाई में देश भर से नेता, कार्यकर्ता और आमजन भाग लेंगे।
झारखंड और भारतवर्ष ने एक दिशा देने वाला गुरु खोया है — पर उनकी विचारधारा और संघर्ष की प्रेरणा सदा जीवित रहेगी।