किसानों ने साप्ताहिक बंद का एलान कर लगाया मनमानी वसूली का आरोप

रामगढ़ किसान आंदोलन

रामगढ़: रामगढ़ जिले के चरही साप्ताहिक बाजार में किसानों और छोटे दुकानदारों का सब्र अब टूट चुका है। अपनी मेहनत की कमाई पर जबरन की जा रही वसूली और अपमानजनक व्यवहार से त्रस्त होकर आज उन्होंने बाजार को पूरी तरह ठप कर दिया और खुलेआम ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

Maa RamPyari Hospital

ये वही किसान हैं, जो खेतों में पसीना बहाकर हम सबकी थाली भरते हैं। पर जब यही किसान अपनी उपज लेकर बाजार आते हैं, तो यहां उनका सामना ठेकेदारों के गुर्गों से होता है—जो दिन-दहाड़े, खुलेआम, गुंडागर्दी से वसूली करते हैं।
किसानों का आरोप है कि महीनों के भीतर जबरन टैक्स दोगुना कर दिया जाता है—50 की जगह 100, 100 की जगह 200।
महिला किसान कहती हैं—”हम टोकरी में सब्ज़ी बेचने आते हैं, और घर खाली हाथ लौटते हैं!”

बाजार की महिला किसान का कहना है कि “हम दिन भर खेत में काम करते हैं। दो टोकरी सब्ज़ी बेचते हैं, उसमें भी जबरन पैसे छीन लेते हैं। बच्चों को क्या खिलाएं? क्या यही इंसाफ है?”

whatsapp channel

Maa RamPyari Hospital

वहीं बुजुर्ग किसान ने बताया कि “हमने कभी भीख नहीं मांगी। मेहनत की कमाई लूट ली जाती है और प्रशासन चुप बैठा है। क्या गरीब होना गुनाह है?”

paras-trauma
ccl

छोटे व्यवसायी भी गुस्से में हैं। उनका कहना है कि जब-जब विरोध करते हैं, ठेकेदार के गुंडे डराने-धमकाने आ जाते हैं। कई बार शिकायत की गई, लेकिन प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।

the-habitat-ad

आज सोमवार को पूरा बाजार बंद रहा। किसान और दुकानदारों ने एकजुट होकर न सिर्फ ठेकेदार के खिलाफ आवाज उठाई, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि अब “मनमानी नहीं चलेगी”। सैकड़ों ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर नारेबाज़ी की – “हम अन्नदाता हैं, गुलाम नहीं!”

adani
15 aug 10

रामगढ़ के किसान अब सिर्फ सब्ज़ी नहीं उगाएंगे, अब हक की लड़ाई भी लड़ेंगे। सवाल अब ठेकेदार से नहीं, प्रशासन से है—क्या रामगढ़ में न्याय बिक रहा है? क्या अन्नदाताओं की आवाज यूँ ही दबा दी जाएगी? फैसला अब प्रशासन को करना है—या तो ठेकेदार पर लगाम लगेगी, या यह आक्रोश आंदोलन बन जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *