कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सीसीएल के सुरक्षा बैरक का उद्घाटन और बहुमंजिला आवासीय भवन का किया शिलान्यास

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रांची: केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज रांची के गांधीनगर आवासीय परिसर में सीसीएल के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इन परियोजनाओं में सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन और सीसीएल कर्मियों के लिए बहुमंजिला आवासीय भवनों का शिलान्यास शामिल है। कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी, सांसद, विधायक, और सीसीएल के कर्मचारियों ने भाग लिया।

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इस कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद आदित्य प्रसाद, महुआ माजी, काँके विधायक सुरेश कुमार बैठा, कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त, अतिरिक्त सचिव विस्मिता तेज, कोल इंडिया के चेयरमैन पी.एम. प्रसाद, सीएमडी सीसीएल निलेंदु कुमार सिंह, सीएमडी सीएमपीडीआईएल मनोज कुमार, सीएमडी बीसीसीएल समीरन दत्ता, और सीएमडी ईसीएल सतीश झा सहित कई सीसीएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन : कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने गांधीनगर, रांची में सीसीएल के सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया। इस परियोजना की लागत ₹2.33 करोड़ है और इसे निर्धारित समय के भीतर सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। यह केंद्र सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जो उनकी कार्यक्षमता और दक्षता को बढ़ाने में मदद करेगा। सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र में 40 बिस्तरों वाला डॉर्मिटरी , कक्षाएं, जिम, डाइनिंग हॉल, अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस केंद्र का उद्देश्य सीसीएल के 1600 से अधिक सुरक्षा कर्मियों को आधुनिक सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान करना है। मंत्री ने कहा कि यह केंद्र न केवल सुरक्षा कर्मियों की दक्षता में सुधार करेगा, बल्कि उनकी अनुशासन और कार्यक्षमता को भी बढ़ाएगा। इस पहल से न केवल वर्तमान कर्मचारियों को लाभ होगा, बल्कि भविष्य में शामिल होने वाले नए सुरक्षा कर्मियों को भी उन्नत प्रशिक्षण मिलेगा।

सीसीएल कर्मियों के लिए बहुमंजिला आवासीय भवनों का शिलान्यास : इसके अलावा, कोयला मंत्री ने सीसीएल कर्मियों के लिए चार बहुमंजिला आवासीय भवनों का शिलान्यास किया। यह परियोजना गांधीनगर आवासीय परिसर में शुरू की गई है।

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परियोजना की मुख्य विशेषताएं: परियोजना की कुल लागत ₹77.63 करोड़ है , जिसमे चार ग्राउंड+8 मंजिला टावर, कुल 112 आवासीय इकाइयां, बी-टाइप के 32 फ्लैट, सी-टाइप के 64 फ्लैट, और डी-टाइप के 32 फ्लैट होंगे।इन बहुमंजिला भवनों में ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा के तहत अत्याधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। जैसे कि कम्युनिटी पार्क, बैडमिंटन कोर्ट, वॉकिंग एरिया इत्यादि होंगे।इस परियोजना का निर्माण 4 जनवरी 2025 से शुरू होकर 4 जनवरी 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना सीसीएल कर्मियों के आवास की स्थिति में सुधार करेगी और उन्हें आधुनिक एवं सुरक्षित आवास उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात और उच्च स्तरीय बैठक : अपने दौरे के दौरान कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा सुरक्षा, कोयला उत्पादन बढ़ाने, और कोयला खनन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में राज्य सरकार और कोयला मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर जोर दिया गया। इसके अलावा, कोयला खनन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और स्थानीय समुदाय के विकास के लिए भी रणनीतियां तैयार की गईं।

सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल और सीएमपीडीआईएल की समीक्षा बैठक : इसके बाद मंत्री ने सीसीएल, बीसीसीएल, ईसीएल, और सीएमपीडीआईएल की समीक्षा बैठक की। बैठक में कोयला उत्पादन, कर्मचारियों के कल्याण, और कंपनियों की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई। बैठक में कोल इंडिया के चेयरमैन, पी.एम. प्रसाद के अलावा सभी कंपनियों के सीएमडी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे । मंत्री ने इन कंपनियों की प्रगति का आकलन किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि कोयला कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ कर्मचारियों के कल्याण पर भी ध्यान देना चाहिए।

स्थानीय विकास के लिए प्रतिबद्धता : कोयला मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल सीसीएल कर्मियों के जीवन स्तर में सुधार करना है, बल्कि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान देना है। इन पहलों से क्षेत्र में आवास, सुरक्षा, और स्वास्थ्य सुविधाओं को उन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोयला खनन क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने और स्थानीय लोगों के कल्याण के लिए भी सरकार प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और स्थानीय जनता ने इन पहलों की सराहना की और इसे क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि सीसीएल के सुरक्षा कर्मियों और कर्मचारियों के लिए यह परियोजनाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे न केवल उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि उन्हें बेहतर आवासीय सुविधाएं भी मिलेंगी। हमारा उद्देश्य कोयला उद्योग को मजबूत करना और क्षेत्र में विकास के नए अवसर पैदा करना है।

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