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हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से मचा कोहराम, 6 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत, 4 गंभीर घायल

दर्शन के दौरान अचानक बढ़ा भीड़ का दबाव, श्रद्धालुओं के गिरने से मची अफरा-तफरी | CCTV फुटेज खंगाल रही पुलिस, प्रशासन पर भारी भीड़ को संभालने में विफलता का आरोप

हरिद्वार, 28 जुलाई 2025 (रविवार): पवित्र नगरी हरिद्वार रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे का गवाह बनी। प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में दर्शन के दौरान भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी और शोक का माहौल है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा सुबह 9 बजे के करीब हुआ, जब मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे हुए थे। अचानक भीड़ का दबाव बढ़ गया, और कई श्रद्धालु फिसलकर गिर पड़े। पीछे से आती भीड़ में किसी को भी कुछ समझने का मौका नहीं मिला और गिरे हुए लोगों के ऊपर से अन्य श्रद्धालु गुजरते चले गए, जिससे मौके पर ही कई की सांसें थम गईं।
घायलों को अस्पताल में कराया गया भर्ती
घटना की सूचना मिलते ही मंदिर प्रशासन और पुलिस ने तत्परता दिखाई और घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है। 4 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। हरिद्वार के जिलाधिकारी और एसएसपी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन भीड़ प्रबंधन की चूक को लेकर जांच शुरू कर दी गई है।
CCTV फुटेज से मिलेगी सच्चाई
पुलिस ने मंदिर परिसर में लगे CCTV कैमरों की रिकॉर्डिंग जब्त कर ली है, ताकि यह पता चल सके कि हादसे की असली वजह क्या थी। अभी तक की जानकारी के अनुसार, प्रशासन की ओर से भीड़ नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे, जबकि रविवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में आते हैं।
श्रद्धालु बोले – कोई मार्गदर्शन नहीं, पुलिस नदारद थी
घटनास्थल पर मौजूद कई श्रद्धालुओं ने बताया कि मंदिर में प्रवेश और निकास की व्यवस्था बहुत अव्यवस्थित थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए न तो पर्याप्त पुलिस बल तैनात था और न ही किसी तरह की गाइडलाइन दी गई थी।

“हम सुबह 7 बजे से लाइन में थे, लेकिन जब भीतर पहुंचे तो सभी दिशाओं से लोग आ रहे थे। कोई कंट्रोल नहीं था। तभी एक तरफ से धक्का लगा और लोग गिरने लगे,” – एक घायल श्रद्धालु की आपबीती।

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय सामाजिक संगठनों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए। मंदिर परिसर में भीड़ की निगरानी और गेट व्यवस्था पूरी तरह फेल रही।
सरकार ने की मुआवजे की घोषणा
उत्तराखंड सरकार की ओर से इस घटना पर शोक व्यक्त किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने प्रशासन से इस मामले में 48 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
क्या है मनसा देवी मंदिर का महत्व?
हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख सिद्धपीठों में से एक है। श्रद्धालु मानते हैं कि यहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना पूरी होती है। हर रविवार और पर्व विशेष पर यहां हजारों की संख्या में भक्त जुटते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल मार्ग और रोपवे की सुविधा है।
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुआ यह हादसा न सिर्फ प्रशासन की गंभीर विफलता को उजागर करता है, बल्कि यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण के लिए कोई स्थायी नीति नहीं बन पाई है? श्रद्धालुओं की जान अब भी व्यवस्था की अनदेखी की भेंट चढ़ रही है। यह समय है कि सरकारें और मंदिर ट्रस्ट मिलकर संवेदनशील और जवाबदेह तंत्र विकसित करें, जिससे भविष्य में ऐसी त्रासदियां टाली जा सकें।