हिरणपुर में बीएलओ को मतदाता सूची पुनरीक्षण का प्रशिक्षण, एसडीओ साइमन मरांडी ने दिए स्पष्ट निर्देश

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पाकुड़ से सुमित भगत : झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर निर्वाचन विभाग अब तेजी से सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में गुरुवार को पाकुड़ जिले के हिरणपुर प्रखंड कार्यालय सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और पर्यवेक्षकों को विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) साइमन मरांडी ने की।

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एसडीओ साइमन मरांडी ने उपस्थित बीएलओ और पर्यवेक्षकों से संवाद करते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बीएलओ की ईमानदारी और सूझबूझ पर टिकी होती है। उन्होंने बताया कि इस विशेष पुनरीक्षण अभियान के तहत मतदाता सूची में सुधार, संशोधन, नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया को व्यवस्थित और नियमानुसार करना होगा। उन्होंने बीएलओ को बताया कि फॉर्म-6, 7 और 8 का उपयोग अलग-अलग कार्यों के लिए होता है—फॉर्म-6 नए मतदाताओं को जोड़ने के लिए, फॉर्म-7 नाम हटाने के लिए और फॉर्म-8 विवरण में संशोधन हेतु प्रयोग में लाया जाता है।

उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में इस समय निर्वाचन आयोग के निर्देश पर मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण चल रहा है और बिहार में यह प्रक्रिया पहले से शुरू हो चुकी है, जिससे झारखंड भी सीख लेकर अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है।

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प्रशिक्षण में शामिल प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) दिलीप टुडू ने बीएलओ को मतदान केंद्रों के नक्शे तैयार करने की प्रक्रिया पर विशेष जोर दिया। उन्होंने बताया कि नक्शा ऐसा हो जिसमें हर बूथ का भौगोलिक स्वरूप, पहुंच मार्ग, मतदाताओं की संख्या और बुनियादी सुविधाओं का स्पष्ट उल्लेख हो ताकि निर्वाचन आयोग को मतदान केंद्रों की जानकारी सहज रूप से मिल सके।

कनीय अभियंता प्रेमचंद टुडू ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बीएलओ को डिजिटल तकनीक के उपयोग और ऑनलाइन फॉर्म भरने के तरीकों पर जानकारी दी। उन्होंने मतदाता पहचान पत्र में सुधार से लेकर मतदाता सूची के ऑनलाइन वेरिफिकेशन तक की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बीएलओ से यह भी आग्रह किया कि वे मतदाताओं के पास जाकर उनका विवरण सही रूप से दर्ज करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए।

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प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि मतदाता सूची सुधार कार्य में इस्तेमाल किए जाने वाले 11 प्रमुख दस्तावेज कौन-कौन से हैं और किन परिस्थितियों में उनका उपयोग वैध माना जाएगा। एसडीओ ने यह निर्देश भी दिया कि बीएलओ मतदान केंद्र पर जाकर वास्तविकता को देखकर ही कोई फॉर्म स्वीकार करें।

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कार्यक्रम में मौजूद बीपीओ ट्विंकल चौधरी, जेएसएस संजीव कुमार सिन्हा, कनीय अभियंता परेश भारती, रोनाल्ड हांसदा और रितेश कुमार ने भी तकनीकी और प्रशासनिक पहलुओं को लेकर बीएलओ को मार्गदर्शन दिया।

एसडीओ साइमन मरांडी ने अंत में सभी बीएलओ से अपील की कि वे अपने दायित्वों को समझते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का सही और त्रुटिरहित होना लोकतंत्र की पहली शर्त है। प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें जो जानकारी दी गई है, उसका पूरी निष्ठा से पालन किया जाए ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और सुगम तरीके से सम्पन्न हो सके।

इस पूरे कार्यक्रम में बीएलओ की सक्रिय भागीदारी और सवाल-जवाब का दौर भी देखने को मिला। अधिकारियों ने बीएलओ की शंकाओं का जवाब देकर उन्हें भरोसा दिलाया कि चुनाव आयोग हर कदम पर उनके साथ है। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने मतदाता सूची को शुद्ध, अद्यतन और पारदर्शी बनाने का संकल्प लिया।

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