भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर चेकिंग शुरू
नई दिल्ली/सीमावर्ती जिलों से रिपोर्ट: नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शनों के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। केंद्रीय खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि नेपाल में भड़की अशांति का फायदा उठाकर असामाजिक और उपद्रवी तत्व भारतीय सीमावर्ती इलाकों में प्रवेश कर सकते हैं और यहां हिंसा फैलाने या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।
इस चेतावनी के बाद भारत-नेपाल सीमा पर तैनात सभी सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। उत्तराखंड पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस, बिहार पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (SSB) समेत सभी संबंधित एजेंसियां सीमा पर सतर्कता बढ़ा रही हैं।
सीमावर्ती चौकियों पर कड़ी चेकिंग
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के टनकपुर, बनबसा, धारचूला, उत्तर प्रदेश के महाराजगंज, सिद्धार्थनगर और बहराइच, जबकि बिहार के अररिया, किशनगंज और पश्चिम चंपारण जैसे जिलों में भारत-नेपाल सीमा चौकियों पर गहन चेकिंग शुरू कर दी गई है। सुरक्षा बल आने-जाने वाले हर वाहन और संदिग्ध व्यक्ति की जांच कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस ने भी बॉर्डर इलाकों में गश्त तेज कर दी है।
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट ने बढ़ाई चिंता
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल में सरकार के खिलाफ जारी हिंसक आंदोलन में शामिल कुछ उपद्रवी भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं। इन तत्वों द्वारा भारतीय शहरों में हिंसा या तोड़फोड़ की घटनाओं को अंजाम देने की आशंका जताई गई है।
रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों की तैयारी
बिहार के सीमावर्ती जिलों में जिला प्रशासन ने शांति समिति की बैठकें बुलाई हैं। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस ने भी गांव-गांव जाकर लोगों को अफवाहों से बचने की सलाह दी है।
सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने अपने जवानों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात कर दी हैं और बॉर्डर पोस्ट पर सीसीटीवी निगरानी बढ़ा दी गई है।
नेपाल में क्यों भड़के प्रदर्शन?
नेपाल में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और हालिया सोशल मीडिया पाबंदी के खिलाफ युवाओं के नेतृत्व में प्रदर्शन हो रहे हैं। ये प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक रूप ले चुके हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट समेत कई सरकारी इमारतों को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया।
इस हिंसा के चलते नेपाल में आपात हालात बन गए हैं और सेना को तैनात करना पड़ा है।
भारत-नेपाल खुली सीमा पर चुनौती
भारत-नेपाल सीमा ऐतिहासिक रूप से खुली रही है, जहां दोनों देशों के नागरिक बिना वीजा-पासपोर्ट के आ-जा सकते हैं। हालांकि अशांति के समय यह खुली सीमा सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है।
इस बार भी नेपाल में उथल-पुथल के चलते भारत ने सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है।
स्थानीय लोग और व्यापार प्रभावित
कड़ी चेकिंग और सुरक्षा के कारण सीमावर्ती व्यापार और आम आवाजाही प्रभावित हुई है। नेपाल से आने वाले यात्रियों की जांच में समय लग रहा है। कई ट्रक और बसों को बॉर्डर पर रोका गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात सामान्य होने तक उन्हें दिक्कत झेलनी पड़ सकती है।
भविष्य की स्थिति
भारत सरकार की कोशिश है कि नेपाल की स्थिति सामान्य होने तक सुरक्षा में कोई ढिलाई न बरती जाए। सीमावर्ती जिलों के पुलिस प्रमुखों को रोजाना रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि समय रहते सतर्कता बरतना दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा।
नेपाल में भड़की हिंसा ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा ले ली है। खुफिया एजेंसियों के अलर्ट के बाद चप्पे-चप्पे पर चेकिंग और निगरानी बढ़ा दी गई है। भारत के लिए यह चुनौती है कि खुली सीमा की परंपरा को बनाए रखते हुए भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।