इजरायल-ईरान संघर्ष चरम पर: न्यूक्लियर प्लांट, गैस रिफाइनरी और तेल डिपो बने युद्ध के मुख्य निशाने

इजरायल ईरान युद्ध 2025
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तेहरान/यरुशलम | 15 जून 2025: इजरायल और ईरान के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने अब पूर्ण सैन्य संघर्ष का रूप ले लिया है। बीते 48 घंटों से दोनों देशों के बीच मिसाइलों की विनाशकारी जंग जारी है। इजरायल ने ईरान की रणनीतिक ऊर्जा संरचनाओं पर सटीक हमले कर उसे जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है, वहीं ईरान ने भी इजरायल के प्रमुख शहरों तेल अवीव और हाइफा पर पलटवार करते हुए तबाही मचाई है।

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ईरान के न्यूक्लियर इंफ्रास्ट्रक्चर पर इजरायल का सीधा हमला

इजरायल ने ईरान के पांच प्रमुख न्यूक्लियर संयंत्रों — फोर्दो, खोनडाब, नतांज, इस्फहान और बुशहर — पर हमले किए हैं।
इसके अतिरिक्त, राजधानी तेहरान के पास स्थित शाहरान ऑयल डिपो, अबादान ऑयल रिफाइनरी, और बुशहर के पास की फज्र गैस रिफाइनरी को भी निशाना बनाया गया है।

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विशेषज्ञों के अनुसार, फज्र रिफाइनरी को दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस संसाधनों में गिना जाता है, जो रोजाना 125 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस प्रोसेस करती है।

ईरान में भारी तबाही, 130 से अधिक लोगों की मौत

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तेहरान के बाहरी इलाकों में एक रिहायशी इमारत पर इजरायली मिसाइल हमले में 60 लोग, जिनमें 29 बच्चे भी शामिल हैं, मारे गए।
कुल मिलाकर, 130 से अधिक लोगों की मौत, और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
मारे गए लोगों में नौ न्यूक्लियर वैज्ञानिक और कई वरिष्ठ सैन्य कमांडर भी शामिल बताए जा रहे हैं।

ईरान का पलटवार: 150 मिसाइलें दागीं, इजरायल में तबाही

ईरान ने जवाबी कार्रवाई में इजरायल के तेल अवीव और हाइफा शहरों को निशाना बनाया है।
इन हमलों में अब तक 5 इजरायली नागरिकों की मौत और 100 से अधिक घायल होने की खबर है।
ईरान का दावा है कि उसने इजरायल के कई F-35 फाइटर जेट्स को मार गिराया है, हालांकि इसकी स्वतंत्र पुष्टि अब तक नहीं हो सकी है।

दोनों देशों में एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव

तेहरान से लेकर नतांज तक, ईरान ने अपने सभी एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा है। वहीं, इजरायल ने भी आयरन डोम और डेविड स्लिंग सिस्टम को पूरी तरह एक्टिव कर दिया है।
यरुशलम, अशकलोन, अशदोद और तेल अवीव जैसे शहरों में सायरनों की गूंज से माहौल भयावह बना हुआ है।

ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई का अलर्ट: “इजरायल के लिए जहन्नुम के दरवाज़े खोल दिए गए हैं”

ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने तीखा बयान जारी करते हुए कहा,

“इस युद्ध की शुरुआत इजरायल ने की है, लेकिन अब वह इससे निकल नहीं सकता। हमारे हमले उसके अस्तित्व की जड़ें हिला देंगे।”

इसके बाद ईरानी मिसाइलों की बौछार और तेज हो गई है।

रणनीतिक विश्लेषण: इजरायल का ‘स्पाइन ब्रेक’ स्ट्रेटेजी

विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल ने इस बार ईरान के आर्थिक व सामरिक रीढ़ पर हमला करने की रणनीति अपनाई है।
तेल, गैस और न्यूक्लियर सेक्टर पर हमले से ईरान की सैन्य और ऊर्जा आपूर्ति को बड़ा झटका पहुंचा है।

वहीं ईरान का पलटवार भी बता रहा है कि वह इस जंग को न केवल कूटनीतिक, बल्कि जमीनी युद्ध में भी तब्दील कर सकता है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: तनाव से वैश्विक बाजार सहमे

इजरायल-ईरान संघर्ष के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल आया है और मध्य-पूर्व में अमेरिकी सैन्य गतिविधियाँ तेज हो गई हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग उठी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।

युद्ध की लपटें फैल रही हैं, खतरे की आंच अब वैश्विक

इजरायल और ईरान के बीच जारी यह टकराव अब केवल सीमित जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि पूर्ण सैन्य संघर्ष की ओर बढ़ चुका है।
अगर यह संघर्ष लंबा चला, तो इसका असर पूरे मध्य पूर्व, वैश्विक अर्थव्यवस्था, और ऊर्जा आपूर्ति पर गंभीर हो सकता है।

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