ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और केंद्र के ग्रामीण विकास सचिव के बीच उच्चस्तरीय बैठक, योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने पर जोर

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नई दिल्ली में हुई अहम बैठक में लंबित राशि, रोजगार सृजन और योजनाओं की प्रभावशीलता को लेकर हुई चर्चा

मुनादी लाइव डेस्क | नई दिल्ली/रांची : झारखंड के ग्रामीण इलाकों में समावेशी विकास और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से मंगलवार को नई दिल्ली में एक अहम उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में झारखंड सरकार की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, भारत सरकार के ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह, तथा झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के. श्रीनिवासन शामिल हुए।

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बैठक का उद्देश्य झारखंड राज्य में ग्रामीण विकास से जुड़ी योजनाओं के त्वरित और प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना था। साथ ही, केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय और सहयोग को और सशक्त बनाना इस बैठक का प्रमुख एजेंडा रहा।

दीपिका पांडेय सिंह का बड़ा बयान: “हम ग्रामीण सशक्तिकरण को लेकर प्रतिबद्ध हैं”
बैठक में मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि,

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“झारखंड सरकार हर गांव, हर पंचायत तक विकास योजनाओं का लाभ पहुँचाने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हम चाहते हैं कि कोई भी व्यक्ति योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे।”

उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और स्वावलंबी समाज गढ़ने के लिए ठोस कदम उठा रही है।

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बैठक के प्रमुख एजेंडे और चर्चाएं:

  1. लंबित राशि का त्वरित भुगतान : बैठक में सबसे पहले राज्य को केंद्र से मिलने वाली लंबित राशि का मुद्दा उठाया गया। मंत्री ने आग्रह किया कि राज्य में ग्रामीण योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी तरह की वित्तीय बाधा न आए, इसके लिए लंबित फंड को जल्द रिलीज किया जाए।
  2. योजनाओं के प्रभावी और त्वरित क्रियान्वयन पर बल : ग्रामीण विकास मंत्रालय की योजनाएं जैसे मनरेगा, पीएम आवास योजना (ग्रामीण), दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना आदि के धरातली क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में आने वाली अड़चनों को दूर करने पर भी चर्चा हुई।
  3. रोजगार सृजन और आजीविका बढ़ाने की रणनीति : बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग कर कैसे रोजगार सृजन किया जा सकता है। ग्रामीण आजीविका मिशन (JSLPS) को और सशक्त बनाने की बात भी रखी गई।
  4. केंद्र-राज्य समन्वय को और मजबूत बनाने की जरूरत : बैठक में इस बात को लेकर सहमति बनी कि योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य और केंद्र के बीच सूचना साझा करने की प्रणाली को और मजबूत करना जरूरी है। साथ ही, योजनाओं की मॉनिटरिंग को लेकर भी पारदर्शिता बढ़ाने की जरूरत बताई गई।
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झारखंड में हो रहा है बुनियादी ढांचे पर विशेष फोकस
झारखंड में ग्रामीण सड़कों, जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना आदि के जरिए बुनियादी ढांचे के विस्तार पर भी जोर दिया जा रहा है। मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने यह स्पष्ट किया कि ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए संवेदनशील और समावेशी दृष्टिकोण को अपनाया गया है।

ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह ने दिए आश्वासन
भारत सरकार के ग्रामीण विकास सचिव शैलेश कुमार सिंह ने राज्य सरकार को भरोसा दिलाया कि केंद्र हर संभव सहयोग देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि झारखंड एक संभावनाओं वाला राज्य है और यहाँ यदि योजनाएं सही तरीके से लागू की जाएं तो राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल पेश किया जा सकता है।

आगे की रणनीति:
बैठक में यह भी तय किया गया कि दोनों सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी हर दो महीने में एक समन्वय बैठक करेंगे ताकि योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जा सके। इससे समय पर अड़चनों को दूर कर योजनाओं की गति बनाए रखी जा सकेगी।

यह बैठक झारखंड में ग्रामीण परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। केंद्र और राज्य सरकार की इस साझेदारी से आने वाले दिनों में गांवों तक विकास की रोशनी पहुँचने की उम्मीद है। अगर निर्णयों को जमीनी स्तर पर तेजी से लागू किया गया, तो झारखंड के ग्रामीण परिदृश्य में बड़ा बदलाव संभव है।

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