झीमड़ी धर्मांतरण मामले में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने डीसी को लिखा कड़ा पत्र

पीड़िता की सुरक्षा, इलाज, शिक्षा और परिवार के पुनर्वास पर दिया जोर; थाना प्रभारी पर भी उठाए सवाल
सरायकेला-खरसावां, 6 मई 2025: ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के झीमड़ी गांव में एक नाबालिग बच्ची के कथित जबरन धर्मांतरण के मामले को लेकर केंद्र सरकार के रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने सरायकेला-खरसावां जिला उपायुक्त को एक गंभीर और सख्त पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, तथा रोजगार की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया है।

घटना पर नजर, लेकिन दौरे में असमर्थ – मंत्री संजय सेठ
पत्र में मंत्री सेठ ने स्पष्ट किया कि देश की परिस्थितियों के कारण वे खुद झीमड़ी नहीं पहुंच सके, लेकिन वे लगातार घटना पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने उपायुक्त से अपेक्षा जताई कि प्रशासन संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण के साथ इस प्रकरण को देखे और पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाए।

पीड़िता के भविष्य की चिंता – शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की व्यवस्था का आग्रह
श्री सेठ ने पत्र में लिखा है कि पीड़िता की शिक्षा बाधित न हो, इसके लिए उच्च शिक्षा और सुरक्षित भविष्य की दिशा में ठोस योजना बनाई जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बच्ची के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए और आवश्यकता पड़ने पर एम्स में इलाज की व्यवस्था वे स्वयं कराएंगे।


थाना प्रभारी की लापरवाही पर जताई नाराजगी
मंत्री ने झीमड़ी थाने के प्रभारी की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इतने संवेदनशील मामले में थाना प्रभारी की निष्क्रियता से सामाजिक तनाव और घटनाओं को बढ़ावा मिला। ग्रामीण आज भी उनकी भूमिका से आक्रोशित हैं। मंत्री ने थानेदार के तत्काल तबादले की मांग करते हुए कहा कि यह जनता की अपेक्षा और न्याय की प्राथमिकता है।
अनावश्यक कार्रवाई और भय का माहौल न बने – निर्दोषों की सुरक्षा की मांग

रक्षा राज्य मंत्री ने पत्र में स्पष्ट रूप से कहा कि झीमड़ी प्रकरण में किसी भी निर्दोष ग्रामीण महिला या पुरुष को अनावश्यक रूप से प्रताड़ित या परेशान न किया जाए। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि भय का वातावरण न बने और सभी को न्याय मिले।
सीधे संपर्क में मंत्री, परिवार की मदद का दिया भरोसा
श्री सेठ ने यह भी जानकारी दी कि उन्होंने पीड़िता की मां से फोन पर बातचीत की है और वे लगातार परिवार के संपर्क में हैं। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि परिवार की आवश्यकताओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाए और सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जाए।