जमशेदपुर के मानगो को मिली नई पहचान, बनेगा पुलिस अनुमंडल

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रांची/जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले का मानगो अब नया पुलिस अनुमंडल बनने जा रहा है। सोमवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समिति की बैठक में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव पर इसकी स्वीकृति दी गई। इस फैसले के बाद न केवल मानगो और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस की पकड़ और मजबूत होगी, बल्कि अपराध पर अंकुश लगाने में भी आसानी होगी।

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मुख्य सचिव ने दिया जिलों का आकलन कराने का निर्देश
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बैठक में राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को निर्देश दिया कि सभी 24 जिलों की कानून-व्यवस्था की स्थिति का गहन आकलन कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास से यह स्पष्ट हो सकेगा कि किस जिले में अपराध का ग्राफ कैसा है, अपराध की प्रवृत्ति क्या है, वर्तमान में कौन-कौन से संसाधन मौजूद हैं और किन नए संसाधनों की जरूरत है। उनके अनुसार, यह डेटा न केवल अपराध रोकथाम में मदद करेगा बल्कि संसाधनों का संतुलित बंटवारा सुनिश्चित करेगा।

अपराध रोकथाम के लिए अहम कदम
गृह सचिव वंदना डाडेल ने बताया कि मानगो में लंबे समय से जनसंख्या का घनत्व और अपराध की प्रकृति दोनों बढ़ रहे थे। विशेष रूप से आर्थिक अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और नारकोटिक्स से जुड़े मामलों में तेजी आई थी। ऐसे में मानगो को नया पुलिस अनुमंडल बनाना अनिवार्य था। उन्होंने कहा कि यह कदम अपराधियों पर नकेल कसने और लोगों को सुरक्षित वातावरण देने में मील का पत्थर साबित होगा।

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डीजीपी ने दी जानकारी
राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि नया मानगो पुलिस अनुमंडल जमशेदपुर (मुख्यालय) और पटमदा अनुमंडल से काटकर बनाया जाएगा। इसके तहत उत्क्रमित थाना मानगो और आजादनगर थाना क्षेत्र के साथ ओलिडीह ओपी को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुमंडल बनने से पुलिसिंग मजबूत होगी और अपराध नियंत्रण में तेजी आएगी।

समिति में उठे अहम मुद्दे
मानगो पुलिस अनुमंडल निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी देते समय वित्त सचिव प्रशांत कुमार और कार्मिक सचिव प्रवीण टोप्पो ने अपने-अपने विभाग से जुड़े मुद्दे समिति के सामने रखे। इसके अलावा राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव चंद्रशेखर, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन और आईजी नरेंद्र कुमार सिंह भी बैठक में मौजूद थे। सभी ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पास किया।

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क्यों जरूरी था नया पुलिस अनुमंडल?
पूर्वी सिंहभूम जिले में पहले से ही जमशेदपुर (मुख्यालय) और पटमदा पुलिस अनुमंडल मौजूद हैं। लेकिन मानगो और आसपास के क्षेत्रों की आबादी और अपराध दोनों तेजी से बढ़े। विशेषकर जमीन विवाद, आर्थिक अपराध, अवैध कारोबार और नशे के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही थी। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की ओर से लंबे समय से मांग उठाई जा रही थी कि मानगो को अलग पुलिस अनुमंडल बनाया जाए, ताकि अपराधियों पर सख्ती से कार्रवाई हो सके।

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लोगों में उम्मीद की लहर
मानगो और आजादनगर के लोगों में इस फैसले से उम्मीद की नई किरण जगी है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अपराधियों की सक्रियता और पुलिस की दूरी के कारण कई मामलों में पीड़ितों को न्याय पाने में कठिनाई होती थी। लेकिन अब अलग अनुमंडल बनने से पुलिस की सीधी निगरानी और त्वरित कार्रवाई संभव होगी।

आने वाले समय की चुनौती
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि सिर्फ अनुमंडल बनाने से ही अपराध पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगेगा। इसके लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल, आधुनिक तकनीक, सीसीटीवी निगरानी और स्थानीय स्तर पर खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना होगा। मुख्य सचिव द्वारा जिलों का अपराध ग्राफ तैयार करने और संसाधनों का आकलन करने की पहल इसी दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

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