मेडिका रांची में डॉ. धनञ्जय ने किया बिहार-झारखंड की पहली ऑर्बिटल अथ्रेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी, 80 वर्षीय बुजुर्ग की बची जान

मेडिका हॉस्पिटल, रांची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि उन्होंने ऑर्बिटल अथ्रेक्टॉमी एंजियोप्लास्टी की अत्याधुनिक तकनीक का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर बिहार-झारखंड में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस नई तकनीक के माध्यम से 80 वर्षीय वृद्ध, जो हृदय की सबसे बड़ी धमनी लैड (LAD) में कैल्शियम जमाव के कारण एंजियोप्लास्टी कराने में असमर्थ थे, उनकी जान बचाई गई है।


रोगी की हालत इतनी गंभीर थी कि अन्य अस्पतालों में बाईपास सर्जरी ही एकमात्र विकल्प बताया गया था। लेकिन मेडिका के डॉ. धनञ्जय ने ऑर्बिटल अथ्रेक्टॉमी तकनीक का इस्तेमाल कर धमनी की सफाई की और बाईपास सर्जरी को टालते हुए सफल एंजियोप्लास्टी की। यह तकनीक रांची के मेडिका हॉस्पिटल में पहली बार लाई गई, जिससे हृदय रोग के मरीजों के लिए एक नई राह खुली है।
ऑर्बिटल अथ्रेक्टॉमी तकनीक:
मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विजय मिश्र ने बताया कि यह तकनीक दिल की धमनी से कैल्शियम के जमाव को हटाने के लिए उपयोग की जाती है, और इसका इस्तेमाल भारत में पहली बार फरवरी 2023 में अपोलो चेन्नई में हुआ था। अब यह तकनीक सफलतापूर्वक रांची के मेडिका में भी लाकर मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही है।


हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कुमार और रोहित कुमार ने इस तकनीक की विशेषताओं को साझा करते हुए बताया कि इस उपकरण में हीरे के छोटे टुकड़े होते हैं, जो धमनी के अंदर घुमते हुए कैल्शियम को काटते हैं। इस उपकरण के घूमने के तरीके के कारण इसे “ऑर्बिटल” नाम दिया गया है।
यह सफलता झारखंड और बिहार के हृदय रोगियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और इससे लाखों लोगों को बेहतर और कम जोखिम वाली चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।