पूर्वी सिंहभूम में मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर, आदिवासी पंचायतों में फर्जी अल्पसंख्यक लाभुकों को मिली राशि

fraud in maiyan samman yojna fraud in maiyan samman yojna
Share Link

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के बाद अब सरकारी योजना में घोटाले का पर्दाफाश, डीसी ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

जमशेदपुर,15 मई 2025: पूर्वी सिंहभूम जिले में एक बार फिर सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग का गंभीर मामला सामने आया है। मंईयां सम्मान योजना के तहत ऐसे गांवों में फर्जी अल्पसंख्यक लाभार्थियों को लाभ दिया गया, जहाँ एक भी अल्पसंख्यक परिवार निवास नहीं करता। यह मामला घाटशिला अनुमंडल के गुड़ाबांधा और घाटशिला प्रखंड की आदिवासी बहुल पंचायतों — बालीजुड़ी और हेंदलजुड़ी — से सामने आया है।

Maa RamPyari Hospital

183 फर्जी लाभुक, गांव में कोई नहीं जानता नाम

बालीजुड़ी पंचायत के कुल 275 लाभुकों में से 90 महिलाएं अल्पसंख्यक बताई गईं, जबकि हेंदलजुड़ी पंचायत में 409 लाभुकों में से 174 महिलाओं को अल्पसंख्यक दर्शा कर योजना की दो-दो किस्तों की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की गई।
स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इन गांवों में कोई मुस्लिम या अल्पसंख्यक परिवार रहता ही नहीं है। ऐसे में यह पैसा किसके खाते में गया और किसने इसे स्वीकृत किया — यह एक बड़ा सवाल है।

Maa RamPyari Hospital

बाहरी राज्यों से जुड़े हैं फर्जी लाभुकों के मोबाइल और बैंक खाते

जांच में सामने आया है कि इन लाभुकों के मोबाइल नंबर झारखंड के नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार से जुड़े हुए हैं। इससे यह साफ हो गया है कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे बाहरी राज्यों के लोगों को झारखंड सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया गया है।

bhavya-city RKDF

स्थानीय लोग नाराज़, कहा – “हमारा हक छीना गया”

गांव के लोगों में इस फर्जीवाड़े को लेकर भारी नाराज़गी है। उनका कहना है कि जिन्हें वाकई इस योजना की ज़रूरत है, उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है, जबकि फर्जी दस्तावेज़ों और अधिकारियों की मिलीभगत से बाहर के लोग लाभ ले रहे हैं।

“जिस गांव में एक भी मुस्लिम महिला नहीं, वहां के पते पर 90 से अधिक अल्पसंख्यक महिला लाभुक कैसे बन गईं? यह साफ तौर पर संगठित रैकेट की ओर इशारा करता है,” — स्थानीय शिक्षक

एक ही खाते में कई लाभार्थियों की राशि

रिपोर्ट के मुताबिक, एक ही बैंक खाते में चार से पाँच लाभुकों की राशि ट्रांसफर हुई है। जिले में कुल 2912 बैंक खातों से दो या उससे अधिक लाभार्थियों को योजना की राशि मिली है — जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।

डीसी ने दिए जांच के आदेश, जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज

जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। जिला प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि यदि किसी को योजना से जुड़ी अनियमितता की जानकारी हो तो वे प्रशासन को सूचित करें।
प्रशासन यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि फर्जी दस्तावेज किस स्तर पर सत्यापित हुए, और किस अधिकारी की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा संभव हुआ।

इन क्षेत्रों में सबसे अधिक संदिग्ध लाभुक

  • पोटका: 573
  • जमशेदपुर अंचल: 390
  • गोलमुरी-सह-जुगसलाई: 388
  • मानगो अंचल: 300
  • घाटशिला: 271
  • बाड़ाम: 191
  • चाकुलिया: 164
  • गुड़ाबांधा: 122
  • पटमदा: 113
  • डुमरिया: 111
  • बहरागोड़ा: 99
  • मुसाबनी: 97
  • धालभूमगढ़: 81

क्या है मंईयां सम्मान योजना?

यह योजना राज्य सरकार द्वारा गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और सम्मान देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसके तहत महिलाओं को निश्चित अंतराल पर आर्थिक सहायता दी जाती है। लेकिन जिस प्रकार इस योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया है, उसने नीति-नियोजन और निगरानी तंत्र की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है।

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र घोटाले के बाद मंईयां सम्मान योजनामें इस प्रकार की धांधली पूर्वी सिंहभूम प्रशासन की पारदर्शिता और निगरानी व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या दोषियों तक जांच पहुँचती है या यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में ही दफ्न हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *