राष्ट्रीय पेंशनर्स दिवस पर झारखंड में पेंशन बहाली की जोरदार मांग
रांची: ऑल इंडिया पोस्टल/आरएमएस पेंशनर्स एसोसिएशन झारखंड की ओर से 17 दिसंबर को रांची जीपीओ में राष्ट्रीय पेंशनर्स दिवस का आयोजन किया गया। यह दिवस डीएस नकारा की स्मृति में हर वर्ष मनाया जाता है।
वक्ताओं ने पेंशन को कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार बताते हुए कहा कि सरकार एनपीएस (नई पेंशन योजना) और यूपीएस जैसी नीतियों के माध्यम से पेंशन का निजीकरण कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों से 10% मासिक अंशदान लिया जाता है, लेकिन बदले में दी जाने वाली राशि बेहद कम होती है, जो न्यायसंगत नहीं है।
ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली की मांग करते हुए एसोसिएशन ने सरकार से सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की अपील की।
वक्ताओं ने सिमडेगा के 50-60 पोस्टल पेंशनर्स का मामला भी उठाया, जिनका KYC के नाम पर 17 दिनों से भुगतान रोका गया है। एसोसिएशन ने इसे नैतिक और आपराधिक कृत्य बताते हुए कड़ी निंदा की।
सभा को एम जेड खान, के डी राय व्यथित, त्रिवेणी ठाकुर, गौतम विश्वास, हसीना तिग्गा समेत कई वरिष्ठ पेंशनर्स ने संबोधित किया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से त्रिलोकी नाथ साहू, सुखदेव राम, रामचंद्र प्रसाद, राजेंद्र महतो, रमेश सिंह, बी. बारा, रंगनाथ पांडेय, दीपक वर्मा, गणेश चंद्र डे, देवीचरण साहू समेत बड़ी संख्या में पेंशनर्स मौजूद रहे।
रांची के अलावा धनबाद, गोमो, जमशेदपुर समेत अन्य स्थानों पर भी पेंशन दिवस का आयोजन किया गया और सरकार से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग उठाई गई।